पंजाब में 19 से 25 नवंबर के बीच के इस सप्ताह के शुरुआती दिनों में मौसम साफ रहेगा। राज्य में 22 नवंबर से मौसम बदलेगा। 22 तारीख को उम्मीद है कि चंडीगढ़ समेत तराई वाले क्षेत्रों यानि पठानकोट, होशियारपुर, रूपनगर और आसपास के भागों में हल्की वर्षा हो सकती है।
25 से पश्चिमी पंजाब से बारिश शुरू होगी। इस दिन हमें उम्मीद है कि गुदासपुर, अमृतसर, तरण तारण, फ़िरोज़पुर, फाजिलका, फ़रीदकोट से बारिश की गतिविधियां पंजाब में शुरू होंगी। उसके बाद 26 और 27 नवंबर को बारिश पूरे पंजाब में संभावित है।
हालांकि लुधियाना, पटियाला, संगुरु, बरनाला, भटिंडा, मोगा, जालंधर, कपूरथला सहित पूर्वी पंजाब में 26 और 27 को बारिश की और सटीक जानकारी मिलेगी अगले वीडियो में जो हम अपलोड करेंगे 26 नवंबर को।
इस मौसम का फसलों पर क्या होगा असर
किसानों को सलाह है कि लीची, बेल, आम, अमरूद, सपोटा और आँवला जैसे सदाबहार फलों के पौधे लगाने का काम जारी रखें। 22 नवंबर से राज्य में मौसम बदलेगा। 22 से बादल आ जायेंगे लेकिन बारिश 25 से होने की संभावना है।
इसलिए सुझाव है कि खरीफ फसलों की कटाई और चुनाई का काम इससे पहले कर लें। 22 नवंबर से 27-28 तक मौसम अच्छा नहीं रहेगा।
इस समय फल झड़ने की समस्या हो सकती है, इसकी रोकथाम के लिए 1 ग्राम बाविस्टिन या 1 मिली टिल्ट प्रति 2.5 लीटर पानी में घोलकर साफ मौसम में छिड़कें। गाजर, मूली, शलजम जैसी जड़ वाली फसलों की भी बुआई जारी रखें।
शलजम की बिजाई के लिए बीज दर 2 कि.ग्रा. प्रति एकड़ तथा गाजर व मूली के लिए 4 कि.ग्रा. प्रति एकड़ रखें। बिजाई से पहले बीजों को कप्तान या थाईरम 3 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें। मौसम साफ रहने पर अक्तूबर में बोई गई टमाटर व बैंगन की नर्सरी रोपाई करें और पहली सिंचाई भी दे दें।
Image credit: Tribune India
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