यह सप्ताह पंजाब में शांत मौसम वाला होगा। गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, अमृतसर, लुधियाना, बरनाला, मोगा, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का समेत लगभग सभी जिलों में इस सप्ताह मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा।
पिछले चार-पाँच दिनों से चल रही ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएँ अब कमजोर हो जाएंगी जिससे न्यूनतम तापमान में जो गिरावट हो रही थी उसमें ब्रेक लग जाएगी। हालांकि तापमान पहले ही काफी नीचे पहुँच चुका है जिससे सर्दी तो बनी ही रहेगी। हल्की उत्तर-पश्चिमी हवा इस ठंडक को बनाए रखेगी।
तराई क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर 5 दिसम्बर के बाद से हल्के से मध्यम कोहरा देखने को मिल सकता है।
इस मौसम क्या फसलों पर क्या होगा असर......
शुष्क मौसम के अनुमान को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि रबी फसलों की बिजाई, सिंचाई, छिड़कावों व अन्य कृषि कार्य को जारी रखें। बोई जा चुकी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई दें।
अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में बोई गई गेहूं में पहली सिंचाई देने के लिए समय उपयुक्त है। पछेती गेहूं की बिजाई शीघ्र करें, बीजो का चयन PBW 658 व PBW 752 में से करें। इन क़िस्मों का 40 कि.ग्रा. बीज प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
गेहूँ में स्मट रोग से बचाव के लिए बुआई से पहले बीजों को न्यूनिक्स 20 एफ़.एस. से 2 मि.ली. प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें।
आलू की फसल में लेट ब्लाइट की निगरानी करते रहें। अगर लक्षण दिखे तो 500-700 ग्राम अंतराकोल 250 से 350 लीटर में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें। छिड़काव 7 दिन बाद दोहराएँ।
अगेती किस्म की राया में पहली सिंचाई देने के लिए समय उचित है, सिंचाई के साथ 45 यूरिया प्रति एकड़ डालें।
Image credit: Daily Mail
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