बिहार के शहरों में 1 मार्च तक मौसम शुष्क बना रहेगा। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 2 और 3 मार्च को बिहार के कुछ भागों में हल्की बारिश होने के आसार हैं। इस दौरान राज्य के कई इलाकों में बादल छाए रहेंगे और मेघगर्जना के साथ वर्षा होगी। 4 मार्च को बारिश की गतिविधियों में कमी आ जाएगी। हालांकि यह अंतराल कम ही समय का होगा क्योंकि 5 मार्च से मौसम में फिर से बदलाव की संभावना है।
संकेत मिल रहे हैं कि 5 मार्च से कई मौसमी सिस्टम सक्रिय होंगे जिसके कारण एक बार फिर से राज्य के कई भागों में वर्षा के लिए मौसम अनुकूल बन जाएगा। 5 से 7 मार्च के बीच मौसम के सक्रिय रहने की संभावना है। इस दौरान कई जगहों पर बादलों की गर्जना के साथ हल्की तो कहीं-कहीं मध्यम बारिश हो सकती है। दिन के तापमानों में हल्की गिरावट होने की संभावना है।
बिहार के किसानों के लिए फसल सलाह
हाल में ही हुई वर्षा के कारण खेतों की मिट्टी गिली हो चुकी है और आने वाले दिनो में भी वर्षा का अनुमान है। सिंचाई व छिड़कावों को अभी रोक दें और बुवाई को स्थगित करें। मौसम साफ हो जाने पर खेत जोतने लायक होने की स्थिति में मूँग के लिए खेत तैयार करें। गरमा मूंग के लिए पंत मूंग-4, पूसा विशाल, एच. यू.एम. 16, पीडीएम 139 जैसी क़िस्मों का चयन करें। बुवाई से पहले प्रति किग्रा बीज को 5 ग्राम ट्राईकोडर्मा या 1 ग्राम थीरम और 1 ग्राम कार्बेंडाजिम से उपचारित करें।
आलू की फसल की खुदाई कर क्षतिग्रस्त आलू को छाँटने के बाद रोग मुक्त तथा साफ-सुथरे आलू का भंडारण ठंडे, सूखे तथा हवादार स्थानों पर करें। आलू भंडारण के पहले भंडार स्थल पर मलाथियान 50% तरल दवा का 10 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
रबी फसलों पर माहू कीट के प्रकोप से फसल को बहुत क्षति होती है तथा उपज प्रभावित होता है। इसके नियंत्रण के लिए नीम तेल 300 पी.पी.एम. का 5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। मौसम साफ हो जाने पर चारा फसलों की कटाई करें। कटाई के बाद यूरिया डालें और बारिश जहां ना हो वहाँ सिंचाई करें।
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