आइए जानते हैं 20 से 26 सितंबर के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल।
इस मानसून सीजन में पश्चिमी राजस्थान को सामान्य से अधिक वर्षा प्राप्त हो गई है। 1 जून से 19 सितंबर के बीच पश्चिमी राजस्थान को सामान्य से 27% अधिक तथा पूर्वी राजस्थान को सामान्य से 3% कम वर्षा मिली है।
पिछले कुछ दिनों से राजस्थान के दक्षिणी जिलों में हल्की वर्षा जारी थी परंतु पिछले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी जिलों में भी जैसे बीकानेर जोधपुर उदयपुर आदि जिलों में अच्छी वर्षा की गतिविधियां देखी गई है। अगले 2 दिनों तक राजस्थान का मौसम लगभग शुष्क बना रहेगा हालांकि पश्चिमी तथा दक्षिणी जिलों में छिटपुट वर्षा हो सकती है।
22 से 24 सितंबर के बीच राजस्थान के पूर्वी तथा दक्षिणी जिलों में अच्छी बारिश होने की संभावना है परंतु उसके बाद मौसम लगभग हो जाएगा तथा मानसून राजस्थान से विदाई की ओर अग्रसर हो जाएगा।
राजस्थान के पश्चिमी भागों से मानसून की विदाई सामान्यतः 17 सितंबर से शुरू हो जाती है परंतु इस वर्ष इसमें लगभग 10 दिनों की देरी होने की संभावना है।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
गन्ने की फसल में पायरिला कीट का प्रकोप होने पर डाईमिथोएट 30 ईसी 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
मूंगफली में टिक्का रोग के लक्षण दिखाई दें तो इसके नियंत्रण हेतु कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
ग्वार की पछेती फसल में रस चूसऩे वाले कीटों के निंयत्रण के लिए 0.4 ग्राम एसीटामिप्रिड 20 एस.पी. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़कें।
दिन का तापमान अधिक होने के कारण बी.टी. कपास में हल्की सिंचाई करें। ज्यादा पानी से होने वाली पैरा-विल्ट की समस्या के नियंत्रण हेतु 1 ग्राम कोबाल्ट-क्लोराइड तथा 100 ग्रा सोडियम बैन्जोएट 100 ली पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते हैं।
धान की फसल में जब बलियाँ निकलने का समय होता है तब पत्तियों पर नीले रंग के आंख के आकार के धब्बे बनते हैं जो भूरे रंग से घिरे रहते हैं। रोग का प्रकोप अधिक होने पर बालियों से नीचे तने काले पड़ने लगते हैं और पौधे गलने लगते हैं। इसके नियंत्रण के लिए हिनोसान150 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
Image credit: DNA India
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