आइए जानते हैं 29 नवंबर से 5 दिसम्बर के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल। और क्या फसलों से जुड़ी सलाह।
राजस्थान में इस सप्ताह मौसम शुष्क और साफ रहने की संभावना है। राज्य के पूर्वी क्षेत्रों के अलावा पश्चिमी और उत्तरी जिलों में भी बारिश की उम्मीद फिलहाल नहीं है।
चुरू, गंगानगर, भरतपुर, अलवर, झुञ्झुणु, जयपुर समेत उत्तरी भागों में ठंडी उत्तर-पश्चिमी और उत्तरी हवाएँ पूरे सप्ताह चलती रहेंगी जिससे मौसम ठंडा रहेगा और तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। नागौर, करौली, भरतपुर, दौसा, और आसपास के भागों में भी पारा गिरेगा।
हालांकि दक्षिणी जिलों में उदयपुर, प्रतापगढ़, पाली, पिलानी, कोटा, राजसमंद, सिरोही, जालौर समेत दक्षिणी भागों में तापमान में कोई भारी गिरावट के आसार नहीं हैं।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
आने वाले दिनों में मौसम साफ एवं शुष्क रहने की संभावना है। तापमान में गिरावट जारी रहेगी, ऐसे मौसम में बारानी क्षेत्रों में चने की फसल में 20-35 दिन की अवस्था में कटवर्म (कटुआ कीट) का प्रकोप बढ़ जाता है, यह कीट जमीन से कुछ ऊपर तने को काट देता है, जिससे उपज में भारी गिरावट आती है। इसके नियंत्रण के लिए मेलाथियान (5%) अथवा फेनवेलरेट (0.04%) की चूर्ण 20-25 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर की दर से भुरकाव करें।
समय से बोई गई सरसों की फसल में पहली सिंचाई, बुआई के 35-40 दिन बाद करें। यदि सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध न हो तो पहली सिंचाई, बुवाई के 40-45 दिन बाद व दूसरी 90-100 दिन बाद करें। पहली सिंचाई के समय नत्रजन की आधी मात्रा (30-40 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर) दें।
गेहूँ में स्मट रोग के नियंत्रण हेतु बुवाई से पूर्व बीज को कारबैन्डाजिम 50 डब्लू.पी. अथवा कार्वोक्सिन 70 डब्लू.पी. से 2 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें।
टमाटर के पौधों को कीटों व रोगों से बचाने के लिए 1 मि.ली. मोनोक्रोटोफास व 2 ग्राम मेन्कोजेब प्रति लीटर पानी मे घोल कर छिडकाव करें तथा 10-15 दिन बाद इस छिड़काव को पुनः दोहराएँ।
Image credit: The News Minutes
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