Skymet weather

[Hindi] राजस्थान का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह (22 से 28 नवंबर, 2020)

November 22, 2020 3:59 PM |

आइए जानते हैं 22 से 28 नवंबर के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल।

राजस्थान का मौसम अक्टूबर और नवंबर में आमतौर पर शुष्क रहता है। परंतु इस साल अक्टूबर के पहले पखवाड़े में राजस्थान में अच्छी बारिश होती रही थी। उसके बाद से मौसम लगभग शुष्क बना हुआ है। एक दो बार पूर्वी तथा दक्षिण पूर्वी जिलों में हल्की बारिश हुई थी परंतु भारी बारिश नहीं देखी गई।

इस समय राजस्थान के लगभग सभी स्थानों पर अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे बने हुए हैं। भीलवाडा, पिलानी और सीकर जैसे कुछ जिलों में शीतलहर का प्रभाव समय से पहले शुरू हो गया है। अगले कुछ दिनों तक राजस्थान के तापमान में अधिक फेरबदल होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। 25 नवंबर के आसपास न्यूनतम तापमान में कुछ वृद्धि हो सकती है उस समय पश्चिमी जिलों जैसलमेर और आसपास बारिश की गतिविधियां भी संभव है। जबकि जयपुर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर समेत शेष राजस्थान में पूरे सप्ताह मौसम शुष्क ही बने रहने की संभावना है।

राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह

मुख्यतः शुष्क मौसम के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि रबी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई दें। समय से बोई गई सरसों की फसल में पहली सिंचाई के समय नत्रजन की आधी मात्रा (30-40 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर) दें।

मौसम में हो रहे बदलावों के कारण फसलों में कीटों और रोगों के प्रकोप की संभावना है। चने की फसल में प्रारंभिक अवस्था में अथवा बुवाई के 10-15 दिन बाद हरे रंग की छोटी व मुलायम लट का प्रकोप होता है। इसकी रोकथाम के लिए मैलाथियान (5%) चूर्ण/धूल की 25 किग्रा. मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से शाम के समय भुरकाव करें अथवा 800 ग्राम एसीफेट (75 एस.सी.) 600-800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टर की दर से छिड़काव करें।

मिर्च की फसल में फूल आने की अवस्था तथा फल आने की प्रारम्भिक अवस्था में हरी लट का प्रकोप होने की आशंका रहती हैइसके नियंत्रण के लिए मैलाथियान 1 लीटर 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें अथवा स्पानोसेड के 0.03% घोल (1 मि.ली. दवा 3 लीटर पानी में घोलकर) छिड़काव करें।

गेहूँ में स्मट रोग के नियंत्रण हेतु बुआई से पूर्व बीज को कारबैन्डाजिम 50 डब्लू.पी. अथवा कार्वोक्सिन 70 डब्लू.पी. से 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। लो टनल विधि द्वारा बोई जाने वाली कुष्मांड कुल की सब्जियां (लौकी व तुरई) की बिजाई इस माह के अन्त तक कर दें। बुवाई के बाद टनल को पोलीथीन/ प्लास्टिक से ढक दें। 

Image credit: DNA India

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try