आइए जानते हैं 1 से 7 नवंबर के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल।
राजस्थान के लिए अक्टूबर का महीना काफी शुष्क रहा। नवंबर के पहले आठ 10 दिन भी राजस्थान के लिए पूरी तरह शुष्क बने रहने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों से ठंडी व शुष्क उत्तर पश्चिमी हवाएं चल रही है जिनके प्रभाव से राजस्थान में दिन और रात के तापमान सामान्य से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहे हैं। अधिकतम तापमान सामान्य से 2 या 3 डिग्री नीचे तथा न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 4 डिग्री नीचे बने हुए हैं।
इस सप्ताह भी कोई प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में नहीं आएगा जिससे उत्तर-पश्चिमी दिशा से शुष्क हवाएं लगातार चलती रहेंगी। इन हवाओं के कारण दिन और रात के तापमान में कुछ और गिरावट हो सकती है।
राजस्थान के अधिकांश भागों में सर्दी की शुरुआत हो चुकी है। सप्ताह के अंत तक राजस्थान के उत्तर पश्चिमी जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के नीचे आने की संभावना है। गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरु तथा बीकानेर ऐसे ज़िले हैं जहां गर्मी भी बहुत पड़ती है और सर्दी का आगमन भी देश के मैदानी इलाकों में सबसे पहले होती है। इन भागों में सुबह सुबह तथा रात के समय अच्छी सर्दी का एहसास होने लगेगा।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
किसानों को सलाह है कि रबी फसलों की बुआई जारी रखें। गेंहू की फसल की सामान्य बिजाई का उचित समय नवम्बर के पहले सप्ताह से नवम्बर के तीसरे सप्ताह तक है। गेंहू की समय पर बिजाई के लिए उन्नत किस्में हैं:
एचडी-2967, एचडी-2329, राज-4079, राज-4920, राज-1489, राज-4037, राज-3765, राज-3077, राज-1482, डीबीडब्ल्यू-17, पीबीडब्ल्यू-550, पीबीडब्ल्यू-502 आदि।
समय पर बिजाई के लिए हल्की व दोमट मिट्टी में 100 किग्रा जबकि भारी मिट्टी में 125 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर प्रर्याप्त होता है। अधिक पैदावार लेने के लिए, जहां तक सम्भव हो गेंहू की बिजाई फर्टी-सीड र्डिल से करें। इससे उर्वरकों का समुचित उपयोग होता है।
हरे चारे के लिए बरसीम की बिजाई नवम्बर माह के प्रथम पखवाड़े में कर देनी चाहिए। एक हेक्टेयर में 25-30 किग्रा बरसीम के बीज में 1-2 किग्रा चारे वाली राई का बीज मिला कर बिजाई करें, इससे शुरू की कटाई में अच्छी पैदावार मिलती है। बिजाई से पूर्व 20 किग्रा नत्रजन व 40 किग्रा फास्फोरस प्रति हेक्टेयर की दर से भूमि में मिलाएँ। बरसीम की उन्नत किस्मों वरदान, बीएल-10, पूसा-जाइंट, मस्कावी आदि का प्रयोग करें।
रबी मौसम की प्याज़ की फसल के लिए नवम्बर माह के मध्य तक बीज को नर्सरी में बीजें। पौध की रोपाई के लिए 10-12 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त है। बुआई से पूर्व बीज को 2 ग्राम बैविस्टीन से प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित करें। सरसों की फसल में यदि पौधों की संख्या अधिक हो तो बुआई के 20-25 दिन बाद निराई/गुडा़ई कर खरपतवार निकाल दें एवं छंटाई कर पौधे से पौधे की दूरी 10-12 सेमी सुनिश्चित करें।
जई की बुआई नवम्बर अन्त तक 100 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करते हुए करें। बुआई से पूर्व 15-20 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर में मिला दें तथा बुआई के समय 40 किग्रा नत्रजन व 30-35 किग्रा फास्फोरस प्रति हेक्टेयर दें।
Image credit: The News Minuts
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