आइए जानते हैं 10 मई से 16 मई के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल।
राजस्थान के उत्तरी जिलों में बारिश की गतिविधियां जारी हैं। साथ ही लू का प्रकोप भी राज्य के कई जिलों में शुरू हो गया है। 10 मई से 13 मई के बीच उत्तरी राजस्थान के जिलों में रुक-रुक बारिश तथा आंधी की गतिविधियां जारी रह सकती हैं।
इस दौरान आँधी और बारिश से मुख्यतः श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू, झुंझुनू, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, सीकर, दौसा, जयपुर तथा करौली प्रभावित हो सकते हैं। 14 मई को बारिश की गतिविधियां बढ़कर पश्चिमी जिलों यानि जैसलमर, बाड़मेर और जोधपुर को भी प्रभावित कर सकती हैं।
15 और 16 मई को पूरे राजस्थान में मौसम एक बार फिर शुष्क हो जाएगा तथा तापमान बढ़ने लगेंगे।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
किसानों को सलाह है कि रबी फसल की कटाई के बाद खेत की मोल्ड-बोल्ड प्लाऊ से 8-10 इंच गहरी जुताई करें, जिससे मई-जून की तपती धूप से मिट्टी में मौजूद कीड़े-मकोड़े, दीमक और उनके अन्डे तथा बीमारियों के कारक खत्म हो जाएँ। गहरी जुताई से जमीन की उपरी कठोर परत टूट जाती है, जिसके कारण वर्षा का पानी रिस कर जमीन के अन्दर जाता है और भूमि की जल भरण क्षमता बढ़ जाती है, जमीन की भौतिक संरचना मे सुधार होता है, वायु का संचार अच्छा हो जाता है तथा लाभकारी शूक्ष्म जीवों की संख्या में बढ़ोतरी होती है। भूमि की उर्वरा शक्ति मे भी सुधार होता है।
बीटी कपास तथा अमेरिकन कपास की ट्रैक्टर से बिजाई करने के 2-3 दिन के अन्दर बरसात हो जाने से अंकुरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, अत: दिन प्रतिदिन दी जा रही मौसम की जानकारी के आधार पर ही बिजाई की योजना बनाएँ। एक हेक्टेयर क्षेत्र की बिजाई के लिये 1.80 कि.ग्रा. बीज पर्याप्त होता है। बीटी कपास के खेत में 20% क्षेत्र में नॉन-बीटी कपास की बिजाई अवश्य करें। कम्पनी के बीटी कपास के पैकेट में नॉन-बीटी कपास का बीज अलग से दिया जाता है। बिजाई के समय पंक्तियों से पंक्तियों की दूरी 67 से.मी. तथा पौधे से पौधे की दूरी 90 से.मी. रखें।
पिछले कुछ दिनों में हुई छिटपुट बरसात से वातावरण मे नमी/आद्रता बढने से भिन्डी के पौधों की पत्तियों पर हरे तेले का प्रकोप बढ़ गया है। इसके नियंत्रण के लिए 5 मिली नीम कीटनाशक और एक मिली तरल साबुन का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें अथवा 2 मिली मेलाथियान या मिथाइल डिमेटान का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
Image credit: The Financial Express
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