आइए जानते हैं राजस्थान में 29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच एक सप्ताह के दौरान कैसा रहेगा मौसम। और राजस्थान के किसानों के लिए क्या है फसल सलाह।
राजस्थान में इस साल मार्च महीने में व्यापक बारिश हुई है। 1 मार्च से 28 मार्च के बीच राज्य में सामान्य से 432% अधिक बारिश हुई है।
लेकिन इस सप्ताह राजस्थान में बारिश के आसार नहीं हैं। इस एक सप्ताह के दौरान चुरू, गंगानगर, जयपुर, अलवर, भरतपुर, झुञ्झुणु से लेकर दक्षिण में झालावाड़, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, सिरोही, उदयपुर। पूरब में धौलपुर, दौसा, जयपुर, अलवर, बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर से पश्चिम में जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमर और बीकानेर सभी जगहों पर मौसम शुष्क रहेगा।
हालांकि 31 मार्च को उत्तरी जिलों में आंशिक बादल छाने और एक-दो स्थानों पर बादलों की गर्जना होने की संभावना रहेगा।
राजस्थान में अधिक समय उत्तरी हवाएँ चलेंगी और दिन के तापमान में वृद्धि होगी। राज्य के अधिकांश जिलों में तापमान 32 से 35 डिग्री के बीच रहेगा। दक्षिणी हिस्सों में 38 डिग्री तक पहुँच सकता है तापमान।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
31 मार्च को अधिकतर जगहों पर वर्षा के अनुमान को देखते हुए किसान साथियों को सुझाव है कि कटी गई फसलों को सुरक्षित रख लें। दुधारू पशुओं के लिए गर्मी में भी हरे चारे के लिए ज्वार, मक्का और चरी की बुआई का यह अच्छा समय है। ज्वार की बुवाई के लिए 40 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर प्रर्याप्त होता है। इसकी बुआई 25-30 सेमी की दूरी पर पंक्तियों में करें। ज्वार और मक्का के साथ 10-20 किग्रा लोबिया का बीज भी मिलाकर बो सकते हैं जिससे अधिक चारा मिले।
वर्तमान में चने की फसल में फलियाँ लग रही हैं या लग चुकी हैं। चूंकि अभी रात्रि का तापमान सामान्य से कम चल रहा है, ऐसे में फसल के पकने में समय लग रहा है। इस समय चने में सुन्डी का प्रकोप भी हो रहा है। इसके नियंत्रण के लिए फेनवेलरेट (20 ई.सी.) का 400 मिली या एसीफेट (75 एस.पी.) 2 ग्राम/लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
भिंडी की बुवाई जल्द पूरी करें। इसकी उन्नत किस्मों अर्का, अनामिका, जमुना, परभनी क्रांति आदि में से बीजों का चुनाव कर सकते हैं। कोविड-19 (कोरोना) वायरस के प्रकोप को देखते हुए जहां तक संभव हो घर पर ही रहें। खेतों में भी काम करते समय आपस में उचित दूरी बनाए रखें। हाथ को नियमित धोते रहें।
Image credit: National Herald
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