आइए जानते हैं 5 से 11 जुलाई के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल। और क्या फसलों से जुड़ी सलाह।
पूर्वी तथा दक्षिणी राजस्थान में पिछले कुछ दिनों के दौरान हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिली है। अब राजस्थान में बारिश बढ़ने की संभावना है। पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान में मध्यम वर्षा होने के आसार हैं।
उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में भी वर्षा की गतिविधियां बढ़ने वाली हैं। गंगानगर, चूरू, बीकानेर और हनुमानगढ़ में लंबे समय बाद इस सप्ताह कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। हालांकि जैसलमेर और उसके आसपास के इलाकों में वर्षा की गतिविधियां हल्की ही रहेंगी। परंतु इस सप्ताह के दौरान हमें आशा है कि पूरे राजस्थान को बारिश मिल सकती है।
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना है जिसके प्रभाव से दक्षिणी राजस्थान में 6 से 8 जुलाई के बीच एक-दो जगह पर वर्षा की गतिविधियां भारी भी हो सकती हैं।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
बरसात का मौसम शुरू होते ही ककडी पर केटरपिलर, लौकी व तोरई पर लीफ माइनर तथा कद्दू पर बीटल का प्रकोप शुरू हो जाता है। इन कीटों की रोकथाम के लिए मेलाथियान दवा का 2-3 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
बीटी कपास और नॉन-बीटी अमेरिकन कपास में बिजाई के 60 दिनों के अंदर सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु उपाय अवश्य करें क्योंकि यह पौधों से रस चूस कर वृद्धि को रोकता है साथ ही यह विषाणु रोग फैलाने मे भी सहायक होता है। इसके रोकथाम के लिए निम्बीसिडीन एवं तरल साबुन क्रमशः 5 मि.ली. व 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव। छिड़काव साफ मौसम में ही करें।
मूंग की बिजाई के लिए उचित समय जुलाई का पहला पखवाड़ा होता है। एक हेक्टेयर के लिए 15-20 कि.ग्रा. बीज प्रर्याप्त होगा। बिजाई से से पहले अंतिम जुताई के समय, 40 कि.ग्रा. फास्फोरस व 20 कि.ग्रा. नत्रजन प्रति हेक्टेयर की दर से दें। बिजाई कतारों में 30 से.मी. की दूरी पर करें। खरपतवार की समस्या अधिक हो तो अंतिम जुताई से पहले ट्राइफ्लूरालिन 48% ई.सी. की 1500 मि.ली. मात्रा 600 लीटर पानी में या फ्लूक्लोरेलिन 750 ग्राम 1000 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें तथा जोतकर मिटृटी में मिला दें।
Image credit: Financial Express
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