आइए जानते हैं 31 जनवरी से 6 फरवरी, 2021 के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल।
इस साल जनवरी के महीने में पश्चिमी राजस्थान को सामान्य से 34% अधिक तथा पूर्वी राजस्थान को सामान्य से 287% अधिक वर्षा प्राप्त हो चुकी है। राजस्थान में पिछले कई दिनों से शीतलहर चल रही है। कुछ स्थानों पर पाला भी पड़ रहा है। अब धीरे-धीरे न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है जिससे शीतलहर हट जाएगी। अगले सप्ताह शीतलहर चलने की संभावना काफी कम नजर आ रही है।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर को प्रभावित करने वाला है। इसके प्रभाव से राजस्थान के उत्तरी जिलों में 3 फरवरी की रात से 5 फरवरी तक वर्षा होने की संभावना है। आगामी बारिश के स्पेल से प्रभावित होने वाले जिले श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चुरु, झुंझुनू, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, सीकर, करौली तथा जयपुर हो सकते हैं। वर्षा की गतिविधियां उत्तरी जिलों में अधिक रहेंगी तथा बाकी जिलों में हल्की वर्षा ही संभव है।
इस दौरान बारिश के साथ बादलों की गर्जना, बिजली गिरने की घटनाएँ, तथा एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि की गतिविधियां हो सकती हैं। बारिश वाले दिनों में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी और जब बारिश की गतिविधियां बंद हो जाएंगी तब उत्तर से ठंडी हवाएँ आएंगी जिससे न्यूनतम तापमान में फिर से कमी होगी सर्दी बढ़ जाएगी।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
आने वाले दिनों में उत्तरी और उत्तर-पूर्वी राजस्थान में बारिश की संभावना को देखते हुए किसानों को सुझाव दिया जाता है की फसलों में उर्वरकों और कीटनाशी या रोगनाशी दवाओं का छिड़काव न करें। साथ ही सिंचाई भी ना करें।
गर्मी की कद्दूवर्गीय सब्जियों जैसे लौकी, तोरई, खीरा, टिन्डा, करेला आदि की अगेती बिजाई फरवरी माह में करने से अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है। सब्जियों की बुआई से पहले अच्छी उपज पाने के लिए 15-20 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टर की दर से प्रयोग करें।
टमाटर की गर्मी की फसल के लिए नर्सरी लगाने का उचित समय है। एक एकड़ क्षेत्र में रोपाई के लिए 1 x 5 मीटर क्षेत्र की लगभग 20 उठी हुई क्यारियां तैयार करें। एक एकड़ के लिए 75 से 100 ग्राम बीज (संकर किस्मों का) प्रर्याप्त होता है। बिजाई से पूर्व बीज को 2 ग्राम बाविस्टिन या कवच या केप्टान से प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।
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