आइए जानते हैं 3 से 9 जनवरी के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल।
राजस्थान के पूर्वी जिलों में 2 से 3 जनवरी के बीच अच्छी बारिश देखने को मिली है। कोटा में झमाझम बारिश हुई है। जयपुर तथा उसके आसपास भी हल्की बारिश देखी गई है। 3 से 5 जनवरी के बीच सीकर, जयपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, दौसा, कोटा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, बूंदी समेत पूर्वी जिलों में बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। गंगानगर, हनुमानगढ़ तथा झुंझुनू में भी हल्की बारिश देखने को मिल सकती है।
6 जनवरी से बारिश की गतिविधियों में काफी कमी आ जाएगी। हालांकि उत्तर-पूर्वी हिस्सों में 6 जनवरी को भी छिटपुट वर्षा या गरज के साथ बूँदाबाँदी की संभावना बनी रहेगी।
दूसरी तरफ जैसलमर, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर समेत राजस्थान के पश्चिमी और दक्षिणी-पश्चिमी जिलों में इस सप्ताह यानि 3 से 9 जनवरी के बीच मौसम मुख्यतः शुष्क ही बने रहने की संभावना है।
राजस्थान में बदले हुए मौसम के चलते पिछले कुछ दिनों से चल रही शीतलहर अब समाप्त हो गई है तथा न्यूनतम तापमान में व्यापक वृद्धि दर्ज की गई है।
चुरु में 1 जनवरी को शून्य से भी कम तापमान दर्ज किया था लेकिन 3 जनवरी बढ़कर 9.3 डिग्री पर पहुंच गया। 5 जनवरी तक राजस्थान के ज़्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से भी ऊपर बना रहेगा। उसके बाद राज्य में तापमान में गिरावट शुरू होगी। सबसे पहले पश्चिमी राजस्थान के जिलों में तापमान गिरेगा उसके बाद 6 और 7 जनवरी तक जयपुर, अलवर, सीकर, भरतपुर समेत राज्य के बाकी भागों में भी तापमान में कमी दिखाई देने लगेगी और एक बार फिर शीतलहर का प्रकोप राज्य पर शुरू हो जाएगा।
दिन के तापमान में इस समय गिरावट हुई है और अगले 2 दिनों तक अधिकतम तापमान में बारिश तथा बादलों के कारण हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी। 6 जनवरी से मौसम साफ होने के कारण दिन के तापमान में में बढ़ोत्तरी होगी।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
राज्य में उत्तरी-पूर्वी जिलों में इस सप्ताह बारिश की संभावना को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि अधिक बारिश होने की स्थिति में खेतों से पानी के निकासी का प्रबंध करें। कुछ इलाकों में ओलावृष्टि की भी आशंका है इसलिए फसलों के बचाव के लिए संभव उपाय करें।
यह बारिश गेहूं, सरसों और चने समेत रबी फसलों के लिए लाभकारी होगी, बशर्ते बारिश तेज़ हवा के साथ ना और ओले न गिरें।
इस समय आलू की फसल में पिछेती झुलसा रोग का प्रकोप फैलता है। रोग की शुरुआत में पत्तियों पर जलीय धब्बे बनते हैं जो बाद में भूरे रंग के हो जाते हैं। इसके नियंत्रण के लिए मौसम साफ होने पर मेन्कोजेब या रिडोमिल-MZ कवकनाशी 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। 10-12 दिन के अंतराल पर छिड़काव दोहराएँ।
Image credit: The FInancial Express
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