राजस्थान में इस जनवरी बहुत अच्छी बारिश की गतिविधियां देखी गई है। 1 जनवरी से 9 जनवरी के बीच पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 261% अधिक जबकि पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 863% अधिक वर्षा हुई है। जबकि राजस्थान के लिए जनवरी का महीना आमतौर पर लगभग शुष्क रहता है, इसीलिए हल्की से मध्यम वर्षा होने पर भी बारिश के अनुपात में इतना अधिक अंतर दिखाई दे रहा है।
पिछले कई दिनों से राजस्थान में दिन और रात के तापमान सामान्य से काफी अधिक बने हुए थे। परंतु अब मौसम शुष्क होने और बर्फीली हवाएं चलने के कारण तापमान गिरने लगे हैं तथा कुछ स्थानों पर दिन का तापमान सामान्य से काफी नीचे आ गया है। इन बर्फीली हवाओं के प्रभाव से गंगानगर तथा अजमेर में कोल्ड डे कंडीशन आ गई है तथा चुरू में भी तापमान काफी नीचे गिर चुके हैं। अगले 2-3 दिनों तक बर्फीली हवाओं के चलते दिन और रात के तापमान में काफी गिरावट संभव है जिससे कड़ाके की सर्दी एक बार फिर अपना रंग दिखाने लगेगी। राजस्थान के लिए यह सप्ताह शुष्क मौसम वाला होगा।
फसलों से जुड़ी सलाह
तापमान में गिरावट के साथ आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप बहुत तेजी से फैलता है। इसके नियंत्रण के लिए रोग के लक्षण दिखाई देने पर मेन्कोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। 10-12 दिन के अंतराल पर दूसरा छिड़काव करें।
सरसों की फसल में पाले से नुकसान की आशंका है, इससे बचाव के लिए शाम के समय खेत के उत्तर की दिशा में सूखा कूड़ा आदि जलाकर धुआं करें। साथ ही दोपहर के समय जब सरसों की पत्तियां सूखी हों तब गंधक के तेजाब का 0.1% घोल का छिड़काव करें। एक हेक्टेयर में 400 से 500 लीटर घोल का छिड़काव करें। जौ की फसल में पहली सिंचाई बुआई के 25 से 30 दिन बाद दें तथा दूसरी सिंचाई बुवाई के 60-70 दिन बाद देना उपयुक्त है।
Image credit: The News Minutes
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