आइए जानते हैं 13 से 19 दिसम्बर के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल। और क्या फसलों से जुड़ी सलाह।
राजस्थान के पूर्वी तथा दक्षिणी जिलों में 9 से 12 दिसम्बर के बीच अच्छी बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं। लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत से आखिरी दिनों तक मौसम साफ और शुष्क रहेगा। साफ मौसम के बीच अब उत्तर दिशा से बर्फीली हवाएं चलने लगी हैं जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। राजस्थान के उत्तरी जिलों में सुबह के समय घना कोहरा भी देखा गया है।
13 से 15 दिसम्बर के बीच न्यूनतम तापमान में कुछ और गिरावट होगी। हालांकि दिन में तेज धूप रहेगी परंतु ठंडी हवाएं उत्तर दिशा से चलती रहेंगी। 16 या 17 दिसंबर के आसपास राजस्थान के 1-2 जिलों में शीतलहर की फिर से शुरुआत हो सकती है। सीकर, चुरू, गंगानगर, झुञ्झुणु, भरतपुर और आसपास के इलाके खासतौर पर प्रभावित हो सकते हैं।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
मुख्यतः शुष्क मौसम की संभावनाओं को देखते हुए किसानों को सलाह है कि खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई दें। चने की फसल में दीमक का प्रकोप दिखाई देने पर क्लोरपाइरीफॉस 20 ई.सी. 4 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई के पानी के साथ दें अथवा प्रभावित क्षेत्र में कीटनाशक की ड्रेंचिंग करें।
इस समय फूल व पत्तागोभी में हरी सुन्डी तथा तम्बाकू वाली लट का प्रकोप होने की सम्भावना रहती है। इनके नियंत्रण के लिए मैलाथियान (50 ई.सी.) लीटर अथवा प्रोक्लेम (5 एस. जी.) 200 ग्राम 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
सरसों की पछेती बिजाई वाली फसल में प्रारंभिक अवस्था में पत्ती काटनेवाले कीटों के नियंत्रण हेतु 20 किग्रा. क्यनालफास (1.5%) पाउडर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़के अथवा 1 मिली मेलाथियान (50 ईसी.) प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
सरसों की फसल में बुवाई के 50-60 दिन के बाद सफेद रोली बीमारी की होने की भी संभावना रहती है, इसकी रोकथाम के लिए नियमित निगरानी कराते रहें। लक्षण दिखते ही 2 ग्राम मेटालेक्सिल प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
Image credit: The Better India
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