[Hindi] राजस्थान का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह (20 से 26 दिसम्बर, 2020)

December 20, 2020 4:58 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं 20 से 26 दिसम्बर के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल।

राजस्थान में पिछले सप्ताह कई जिलों में शीतलहर का प्रकोप देखने को मिला। इस दौरान चुरू और सीकर समेत कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य से भी नीचे पहुँच गया, जिसके चलते कहीं-कहीं पर पाला पड़ने की घटनाएँ भी हुईं।

इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों पर आ रहा है जिसके प्रभाव से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र राजस्थान पर बनेगा। इन दोनों सिस्टमों के कारण बारिश तो नहीं होगी लेकिन हवाओं का रुख बदल जाएगा जिससे राज्य पर जारी कड़ाके की सर्दी से लोगों को राहत मिल जाएगी।

न्यूनतम तापमान में इस सप्ताह वृद्धि होने के कारण राजस्थान के अधिकांश भागों से शीतलहर का प्रकोप फिलहाल ख़त्म हो जाएगा। अगले दो दिनों तक राजस्थान में बादल छाए रह सकते हैं परंतु बारिश की संभावना नहीं है। बल्कि पूरे सप्ताह राजस्थान में मौसम पूरी तरह से शुष्क बना रहेगा। अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान सामान्य से कुछ नीचे ही बने रहेंगे परंतु अगले दो-तीन दिनों सर्दी से हल्की राहत मिल सकती है।

राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह

मौसम के मुख्यतः शुष्क व सामान्य बने रहने की संभावनाओं को देखते हुए किसानों को सलाह है कि खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई दें। सिंचित क्षेत्रों में समय पर बोई गई चने की फसल में 50-60 दिन बाद सिंचाई करें। इन क्षेत्रों में चने की फसल में दीमक का प्रकोप दिखाई देने पर क्लोरपाइरीफॉस 20 ई.सी. दवा 4 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई के पानी के साथ दें अथवा प्रभावित क्षेत्र में कीटनाशक की ड्रेंचिंग करें।

वर्तमान के मौसम में फूलगोभी व पत्तागोभी में हरी सुन्डी तथा तम्बाकू वाली लट का प्रकोप होने की सम्भावना रहती है। इनके नियंत्रण के लिए मैलाथियान (50 ई.सी.) की एक लीटर मात्रा अथवा प्रोक्लेम (5 एस. जी.) की 200 ग्राम मात्रा 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

सरसों की पछेती बिजाई की फसल में प्रारंभिक अवस्था में पत्ती काटनेवाले कीटों के नियंत्रण हेतु 20 कि.ग्रा. क्विनालफास (1.5%) चूर्ण प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़के अथवा 1 मि.ली. मेलाथियान (50 ई.सी.) प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। सरसों की फसल में बुवाई के 50-60 दिन के बाद सफेद रोली बीमारी की होने की भी संभावना रहती है, लक्षण दिखते ही 2 ग्राम मेटालेक्सिल प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। 

Image credit: Business Line

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