आइए जानते हैं 7 से 13 फरवरी, 2021 के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल।
राजस्थान में आमतौर पर जनवरी और फरवरी में बहुत कम बारिश होती है। लेकिन इस बार काफी ठीक ठाक बारिश हुई है। इस वर्ष 1 जनवरी से 7 फरवरी के बीच पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 3% अधिक 3.6 मिमी बारिश हुई है। जबकि पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 218% अधिक 15.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम में जब भी कोई अच्छा पश्चिमी विक्षोभ आता है तब सामान्यतः राजस्थान के उत्तरी जिलों में वर्षा देखने को मिलती है परंतु इस बार राजस्थान के अधिकांश जिलों में अच्छी वर्षा हुई है। पूर्वी राजस्थान इस अवधि में औसतन 4.9 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि दर्ज की गई है 15.9 मिलीमीटर वर्षा। इस बार राजस्थान में सर्दी भी अच्छी पड़ी है।
3 फरवरी के आसपास राजस्थान के उत्तरी तथा उत्तर पूर्वी जिलों में हल्की वर्षा के बाद से राज्य पर मौसम शुष्क है। उत्तर भारत में आए पश्चिमी विक्षोभ के गुजर जाने के बाद अब उत्तर दिशा से चलने वाली हवाओं के प्रभाव से राजस्थान के तापमान फिर गिरे हैं तथा कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे आ गए हैं।
इस सप्ताह राजस्थान में चुरू और गंगानगर से लेकर दक्षिण में जोधपुर, उदयपुर, प्रतापगढ़ जबकि पूरब में कोटा, सवाई माधोपुर से लेकर पश्चिम में जैसलमर, बाड़मेर तक मौसम मुख्यतः शुष्क और साफ रहने की संभावना है। 9-10 फरवरी तक उत्तर दिशा से चलने वाली ठंडी हवाओं का असर रहेगा जिससे न्यूनतम तापमान कम ही बने रहेंगे।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
मौसम के मुख्यतः शुष्क रहने और दिन के तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए किसानों को सलाह है कि खड़ी फसलों में आवशयकतानुसार सिंचाई देते रहें। फ़रवरी माह में मौसम में खुश्की/रूखापन तथा तापमान में वृद्धि होने के कारण सरसों की फसल पर चैंपा (एफिड) का प्रकोप दिखाई देने लगता है। इसके संक्रमण होने की स्थिति में नियंत्रण हेतु मिथाइल डिमेटान 25 ई.सी. एक लीटर या थायोमिथोक्साम 25 डब्ल्यू.जी. 200 ग्राम प्रति हेक्टर की दर से 600 से 700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
वर्तमान में दिन और रात के तापमान में अधिक अन्तर होने के कारण सुबह के समय खेतों में ओस काफी अधिक होती है। अत: किसी भी फसल में कीटनाशक अथवा रोगनाशक दवाओं का छिड़काव ओस सूखने के बाद, दोपहर के समय या दोपहर बाद करना अधिक लाभकारी होगा।
अधिकांश फसलों में इस समय फूल निकलने या दाने भरने की अवस्था है ऐसे में फसलों पर विशेष रूप से निगरानी रखने की आवश्यकता है।
Image credit: The News Minutes
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