आइए जानते हैं 27 दिसम्बर 2020 से 2 जनवरी 2021 के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल। और क्या फसलों से जुड़ी सलाह।
राजस्थान के अधिकांश जिलों में इस समय न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान सामान्य से कुछ ऊपर बने हुए हैं। पिछले कई दिनों से राजस्थान में बारिश की गतिविधियां नहीं हुई हैं।
इस सप्ताह भी राजस्थान में बारिश के आसार नहीं हैं। राज्य के उत्तरी भागों में चुरू, गंगानगर, सीकर, बीकानेर से लेकर मध्य में जयपुर, भरतपुर, अलवर पूरब में कोटा, सवाई माधोपुर, दक्षिण में उदयपुर, जोधपुर, प्रतापगढ़, जालौर, पश्चिम में जैसलमर, समेत सभी जगहों पर 27 दिसम्बर से 2 जनवरी के बीच मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा।
राजस्थान में 27 और 28 दिसम्बर को न्यूनतम तापमान में कुछ और वृद्धि होने की संभावना है। 29 दिसंबर से उत्तर दिशा से चलने वाली सर्द हवाओं के चलते राजस्थान में तापमान गिरने लगेंगे। पहले गिरावट पश्चिमी जिलों में देखी जाएगी उसके बाद पूर्वी जिलों में भी तापमान गिरेंगे। उम्मीद है कि 29 दिसंबर से राजस्थान में शीतलहर का प्रकोप एक बार फिर शुरू हो सकता है। 29 दिसंबर से राजस्थान के उत्तरी तथा पश्चिमी जिलों में पाला पड़ने की भी संभावना नजर आ रही है।
तापमान में गिरावट 3 से 5 डिग्री तक हो सकती है। नए साल के शुरुआती दौर में चुरु और सीकर समेत कुछ उत्तरी जिलों में तापमान शून्य के आसपास पहुंच सकता है।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
उत्तरी राजस्थान में श्री-गंगानगर, हनुमानगढ़, दौसा, अलवर, धौलपुर में जौ की फसल में इन दिनो चौड़ी पत्ती वाले (बथुआ, कृष्णनील आदि)और सकरी पत्ती वाले (घास कुल के- जंगली जई, गुल्ली डंडा आदि) दोनों ही प्रकार के खरपतवारों का प्रकोप रहता है। इन दोनों प्रकार के खरपतवारों के नियंत्रण के लिए 600 से 700 ग्राम आइसोप्रोटोरोन 75 डब्ल्यू पी. व 5 ग्राम मेटासल्फूरोन 20 डब्लू पी को 500 - 600 लीटर पानी में घोलकर बिजाई के 35 से 40 दिन बाद छिड़काव करें।
वातावरण में अधिकतम आर्द्रता/नमी 80% से 85% और रात्रि का तापमान 5-6 डिग्री सेल्सियस के आसपास होने पर, सरसों की फसल में रोगों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें सफेद रोली रोग सबसे अधिक हानि पहुंचाती है। दिसम्बर माह के अन्त में इस रोग के लक्षण (निचली पत्तियों पर सफेद रंग के धब्बे बनते हैं) दिखाई देते हैं। इसके लक्षण दिखते ही प्रथम छिड़काव मेटालेक्सिल 0.2% (2 ग्राम रसायन प्रति लीटर पानी में घोलकर) करें। दूसरा छिड़काव, पहले छिड़काव के 15 दिन बाद करें।
Image credit: The News Minuts
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