[Hindi] राजस्थान का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह (20 से 26 फरवरी 2021)

February 20, 2021 2:30 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं 20 से 26 फरवरी, 2021 के बीच कैसा रहेगा राजस्थान में मौसम का हाल।

राजस्थान में इस समय मौसम लगभग सभी शहरों में साफ़ और शुष्क बना हुआ है। 20 से लेकर 26 फरवरी के बीच भी समूचे राजस्थान में मौसम साफ और शुष्क ही रहने वाला है। हालांकि इस दौरान उत्तर भारत के पहाड़ों पर मौसम लगातार सक्रिय बना रहेगा क्योंकि एक के बाद एक कई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आएंगे और पहाड़ों पर जमकर बारिश और हिमपात की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। लेकिन राजस्थान पर इन मौसमी सिस्टमों का सीधे असर देखने को नहीं मिलेगा।

उत्तर भारत के पहाड़ों पर आने वाले पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से उत्तरी और उत्तर पश्चिमी तथा उत्तर पूर्वी शहरों में विशेष रूप से चूरु, गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, झुंझुनू, सीकर और अलवर जैसे जिलों में कहीं-कहीं पर आंशिक बादल छा सकते हैं और छिटपुट बूंदाबांदी भी एक-दो दिन सप्ताह में देखने को मिल सकती है। लेकिन ज्यादा बारिश की संभावना फिलहाल इन भागों में भी नहीं है।

लंबे समय से उत्तर पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाएं भी राजस्थान को प्रभावित नहीं कर रही है जिसके कारण चुरू और गंगानगर जैसे उत्तरी शहरों को छोड़ दें तो बाकी सभी जिलों में तापमान सामान्य से ऊपर बने हुए हैं और समय से पहले ही लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। इस सप्ताह शुष्क मौसम के बीच 22 फरवरी तक हवाओं की दिशा निश्चित नहीं होगी और रफ्तार भी बहुत कम रहेगी। उसके बाद पश्चिमी दिशा से लगातार मध्यम गति के हवाएं चलेंगी जिससे न्यूनतम तापमान में कुछ गिरावट हो सकती है लेकिन दिन के तापमान में फिलहाल बढ़ोतरी और संभावित रहेगी।

1 जनवरी से 20 फरवरी के बीच राजस्थान के भागों में हुई बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो समग्र राज्य में सामान्य से 15% ज्यादा वर्षा रिकॉर्ड की गई है जबकि अगर पूर्वी और पश्चिमी भागों की बात करें तो राज्य के पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से 51% कम 3.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 84% ज्यादा 15.7 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।

राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह

किसानों के लिए सुझाव है कि तैयार हो चुकी फसलों की तुरंत कटाई व तुड़ाई करें। शुष्क मौसम और तापमान में वृद्धि होने तथा पौधों पर रात में पड़ने वाली ओस के कारण सरसों की फसल पर चैंपा (एफिड) कीट का प्रकोप होता है। इस कीट का आक्रमण फूल वाली टहनियों पर अधिक होता है। यह कीट बहुत तेजी से फैलता है तथा नयी कलियों का रस चूसता है। इसके नियंत्रण के लिए मिथाइल डिमेटान 25 ई.सी. एक लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 600 से 700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

इस माह के अन्त तक तापमान और बढ़ेगा। ऐसे में गेहूँ की फसल में पीली रोली रोग (जो कि एक फफूंद के कारण होता है) के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इससे पत्तियों पर पीले रंग की धारियां बनती हैं जिसको हाथ से रगड़ने से पीला/ नारंगी रंग का पाउडर हाथ पर आ जाता है। इसकी रोकथाम के लिए प्रोपीकोनाजोल (25 ई.सी.) एक मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।  

Image credit: FarmersBrett-Cole

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