[Hindi] पंजाब का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (1 से 7 सितंबर, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

September 1, 2020 1:59 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं पंजाब में 1 से 7 सितंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।

पंजाब के लिए साल 2020 का मॉनसून बहुत अच्छा नहीं माना जाएगा। 1 जून से 31 अगस्त के बीच पंजाब में बारिश में 4% की कमी है, जो सामान्य के आसपास तो है लेकिन जो बारिश हुई है उसका वितरण भी राज्य में फसलों के लिहाज से अच्छा नहीं रहा है। पिछले कई दिनों से राज्य का मौसम लगभग शुष्क बना हुआ है।

इस सप्ताह के मौसम की बात करें तो अगले 2 दिनों के दौरान पंजाब के उत्तरी तथा पश्चिमी जिलों में छिटपुट बारिश की गतिविधियां हो सकती हैं। 4 और 5 सितंबर को पंजाब में बारिश की गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना है। परंतु उस दौरान भी भारी वर्षा नहीं होगी। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि इस सप्ताह संभावित बारिश से पंजाब के वर्षा के आंकड़ों में कोई अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। अच्छी वर्षा के लिए अभी राज्य को इंतजार करना पड़ सकता है।

पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह

वर्षा के कारण हुई उमस के चलते खड़ी फसलों में विभिन्न रोगों के पनपने के आशंका है, इसलिए फसलों की नियमित निगरानी करें। बाजरा में ग्रीन इयर रोग के कारण पत्तियों का रंग पीला और सफ़ेद होने लगता है, पत्तियों में कटाव आने लगता है सिट्टा नहीं बनता व दाने नहीं पड़ते। ऐसा होने पर रोगी पौधों को निकाल कर तुरंत नष्ट कर दें ताकि दूसरे पौधे संक्रमित न हो।

तिल में फिल्लोडी रोग के कारण फूल पत्तियों जैसे आकार में बदल जाते हैं और फलियाँ नहीं बनती। ये रोग जेसिड से फैलता है, इसकी रोकथाम के लिए मेलाथियान 50 ई.सी. 400 मिली. प्रति 100 लीटर पानी की दर से घोल बना कर दो बार 2 से 3 सप्ताह के अंतराल पर छिड़कें।

बीटी कपास में सफ़ेद मक्खी, मीली बग, जेसिड जैसे कीटो का प्रकोप होने की संभावना बढ़ गई है। सफ़ेद मक्खी की रोकथाम के लिए पोलो, क्रेज़, रूबी कीटनाशक में से किसी एक की 200 ग्राम मात्रा, मीली बग की रोकथाम हेतु एकालक्स, क्यूनलफॉस, क्यूनलगार्ड 25 ई.सी. में से किसी एक की 500 मि.ली. मात्रा, जेसिड की रोकथाम हेतु एकतारा, दोतारा 25 डब्लू.जी. में से किसी एक की 40 ग्राम मात्रा को 125-150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें। अच्छे परिणाम हेतु कीटनाशकों को अदल-बदल कर प्रयोग करें।

धान की फसल में झुलसा रोग के लक्षण दिखाई देने पर 200 मिली. टिल्ट या बम्पर 25 ई.सी. या फोलिकार 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। मक्के की फसल में फॉल आर्मी वर्म की रोकथाम हेतु 0.5 मि.ली. एमामेक्टिन बेन्ज़ोएट प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़कें। छिड़काव साफ मौसम में ही करें। 

Image credit: Daily Mail

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