पंजाब में 6 से 12 अक्टूबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
पंजाब से मॉनसून की विदाई और मॉनसून सीज़न खत्म होने से पहले से ही बारिश नहीं हो रही है। पंजाब से मॉनसून की वापसी 30 को हुई। इस साल मॉनसून के दौरान पंजाब में सामान्य से 14% कम वर्षा हुई है।
मॉनसून की विदाई के बाद से पंजाब में लगातार उत्तर-पश्चिम शुष्क हवाएं चल रही हैं। दिन के तापमान में कुछ वृद्धि हुई है लेकिन रात के तापमान में गिरावट जारी है। न्यूनतम तापमान में कमी के चलते सुबह और रात का मौसम सुहावना हो गया है।
दिन के तापमान में वृद्धि और रात के तापमान में गिरावट से दिन व रात के तापमान के बीच अंतर बढ़ गया है। इस पूरे सप्ताह पंजाब में मौसम पूरी तरह से शुष्क बना रहेगा। रात के तापमान में क्रमशः गिरावट जारी रहने की संभावना है। सप्ताह के अंत तक सुबह के समय हल्की धुंध तथा कुछ स्थानों पर कुहासा भी दिखाई देने लगेगा।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
मुख्यतः शुष्क मौसम के अनुमान को देखते हुए सुझाव है कि देर से बोयी गई फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई देते रहें। चूंकि धान की फसल परिपक्व हो रही है, ऐसे मेंपानी की कमी से उपज प्रभावित सकती है। हालांकि फसल की कटाई से 15 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें। धान की कटाई दानो में 17% से कम नमी रह जाने पर करें।
कटाई के बाद पराली व अवशेषों को न जलाएँ क्योंकि पराली जलाने से दोहरा नुकसान होता है। एक तरफ इससे जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीं दूसरी ओर खेत की मिट्टी पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
गन्ने की फसल में पाइरिल्ला का प्रकोप पाया जा सकता है, इसलिए फसल की नियमित निगरानी रखें व उत्तपत्ति होने पर उचित उपाय करें। आलू, मूली तथा गाजर की बुवाई इस दिनों की जा सकती है।
नींबू-वर्गीय फसलों में फल मक्खी का प्रकोप दिखे तो पंजाब एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा सुझाए गए ट्रेप का प्रयोग करें, 16 ट्रेप प्रति एकड़ लगाएँ।
सिट्रस फसलों में दीमक का प्रकोप भी पाया जा सकता है, इसकी रोकथाम हेतु 1000 मि.ली. फोसमाइट 30 ई.सी. (इथिओन) या 750 मि.ली. फेनाज़ाक़्यिन 10 ई.सी. को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। सिट्रस की नर्सरी में नए पौधो में लीफ फोल्डर कीट का प्रकोप हो सकता है, इससे बचाव के लिए 1000 मि.ली. क्यूनालफॉस/एकालक्स 25 ई.सी. 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
इन दिनों आम में गुच्छारोग (माल्फार्मेशन) देखने को मिल सकता है, इसके नियंत्रण हेतु ग्रसित टहनियों को काट कर अलग करें।
Image Credit: The-Financial-Express
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