पंजाब में 3 से 9 नवंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
अक्टूबर का महीना पंजाब के लिए पूरी तरह से शुष्क रहा। नवंबर की शुरुआत भी शुष्क हुई है क्योंकि पंजाब को कोई भी मौसमी सिस्टम प्रभावित नहीं कर रहा है। इस सप्ताह भी पंजाब में बारिश होने की संभावना नहीं है।
उत्तर भारत के पहाड़ों पर एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आते रहेंगे लेकिन यह सिस्टम कमज़ोर होंगे जिससे इनका प्रभाव पंजाब पर नहीं पड़ेगा।
पंजाब के अधिकांश भागों में इस समय दिन और रात के तापमान सामान्य के आसपास बने हुए हैं। अगले कुछ दिनों में तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है। सुबह और रात के समय सर्दी और बढ़ेगी।
नवंबर में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पंजाब के कुछ जिलों में बारिश होने की संभावना रहती है। परंतु इस वर्ष नवंबर पहले पखवाड़े में पंजाब का मौसम शुष्क ही बना रहने के आसार हैं।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
इस सप्ताह अनुकूल मौसम के चलते रबी फसलों की बिजाई जारी रखें। गेहूँ की बिजाई शुरू करने के लिए भी मौसम उपयुक्त है। बिजाई के लिए जंग-रहित किस्मों का चयन करें। एक एकड़ की बिजाई के लिए 40 किग्रा बीज लें और उसे 13 मिली रक्सिल ईज़ी या ओरायस प्रति 400 मिली पानी के घोल से उपचारित करें। बीजों की इसी मात्रा को 40 ग्राम टेबुसीड या एक्सज़ोल अथवा 120 ग्राम वीटावेक्स पावर से भी उपचारित किया जा सकता है। यदि खेत में दीमक का प्रकोप हो तो बिजाई से पहले प्रति किग्रा बीज को क्रूजर डबल्यूएस से उपचारित करके छाया में सुखाएँ।
मिर्ची की बिजाई करने के लिए समय उपयुक्त है। बीजों का चयन पंजाब-सिंदूरी, पंजाब-तेज व पंजाब सुर्ख आदि में से करें। हाइब्रिड किस्मों के लिए सीएच-1, सीएच-3, सीएच-27 आदि का चुनाव करें व उठी हुई नर्सरी पर 200 ग्राम बीज प्रति एकड़ प्रयोग करते हुए बिजाई करें।
फूल-गोभी की बिजाई के लिए भी अभी समय उपयुक्त है। किस्मों का चुनाव पूसा-स्नोबॉल-1 व पूसा-स्नोबॉल के-1 में से कर सकते हैं। प्रति एकड़ 250 ग्राम बीज प्रयोग करके बिजाई करें। मौसम की अनियमितता के कारण मिर्च, बैंगन, खीरा व टमाटर की फसलों को प्रभवित होने से बचाने हेतु संरक्षित खेती के तरीके जैसे नेट हाउस, पोली हाउस आदि को अपनाएं।
Image Credit: The Economic Times
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