[Hindi] पंजाब का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और किसानों के लिए फसल सलाह (24 से 30 नवंबर, 2020)

November 24, 2020 4:15 PM | Skymet Weather Team

पंजाब में 24 से 30 नवंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।

पंजाब में इस साल समय से पहले ही कुछ इलाकों पर शीतलहर का प्रभाव दिखाई दिया। 21 और 22 नवंबर को तापमान में भारी गिरावट आई थी जिससे सर्दी अचानक बढ़ गई थी।

इस समय उत्तर भारत के पहाड़ों पर एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ परंतु एक नया पश्चिमी विक्षोभ आने के कारण पंजाब में बादल छाए हुए हैं तथा हवाओं की दिशा भी परिवर्तित होकर पूर्वी हो गई है जिससे अब न्यूनतम तापमान में 5 से 6 डिग्री की वृद्धि हुई है। इस समय अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर है। दूसरी ओर बादल छाने के कारण अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री की कमी आ गई है।

अगले 2 दिनों तक पंजाब में बादल छाए रहेंगे तथा 25 नवंबर को कुछ भागों में हल्की वर्षा होने की भी संभावना है। इस दौरान भारी वर्षा के आसार नहीं हैं। 26 नवंबर से पंजाब का मौसम एक बार फिर से शुष्क हो जाएगा। 27 नवंबर से उत्तर दिशा से बर्फीली हवा चलेगी। उत्तरी हवाओं के प्रभाव से न्यूनतम तापमान में एक बार फिर गिरावट देखी जा सकती है तथा सप्ताह के अंत में एक-दो स्थानों पर शीतलहर का प्रकोप फिर से आ जाएगा।

पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह

24 नवंबर को जिन क्षेत्रों में वर्षा की संभावना है वहाँ के किसानो को सुझाव दिया जाता है की कटी हुई फसलों की सुरक्षा सुनिशित करे। मौसम मुख्यतः शुष्क व सामान्य बना रहेगा, ऐसे में किसानों को सुझाव है कि खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई देते रहें। मेंड़ारीन डेसी की तुड़ाई के लिए अभी मौसम उपयुक्त है, तुड़ाई का काम शीघ्र ही पूरा करें।

बेर के पौध में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 1.5% पोटेशियम नाइटरेट का छिड़काव करें। प्याज़ की नर्सरी बनाने के लिए अभी समय उपयुक्त है, बीजों का चुनाव प्रो-7, पंजाब नरोया व प्रो-6 आदि में से करें। प्रति एकड़ के लिए 4-5 कि.ग्रा. बीज का प्रयोग करें।

गेहूँ की पी.बी.डबल्यू-550 और उन्नत पी.बी.डबल्यू-500 की बिजाई के लिए अभी समय उचित है, बिजाई के लिए हैप्पी सीड़र का प्रयोग करें। गेहूं की फसल में स्मट रोग से बचाव के लिए बिजाई से पूर्व बीजो को न्यूनिक्स 20 एफ़.एस. से 2 मि.ली. प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें।

अगेती बोई गई राया में पहली सिंचाई देने के लिए समय उचित है। सिंचाई के साथ 45 किग्रा यूरिया प्रति एकड़ दें। लो टनल विधि द्वारा बोई जाने वाली कुष्मांड कुल की सब्जियां (लौकी व तुरई) की बिजाई इस माह के अन्त तक कर देवें। बुवाई के बाद टनल को पोलीथीन/ प्लास्टिक से ढक दें।

Image Credit: The Economic Times

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

OTHER LATEST STORIES