आइए जानते हैं पंजाब में 9 से 15 जून के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
पंजाब में इस सप्ताह मौसम बहुत परेशान नहीं करेगा। अनुमान है कि 9 जून से 13 जून के बीच पंजाब के विभिन्न इलाकों में आंशिक बादल आते जाते रहेंगे। उत्तरी और पश्चिमी भागों में रुक-रुक कर आँधी और गर्जना के साथ बारिश भी हो सकती है। बारिश की तीव्रता बहुत अधिक नहीं होगी। मुख्यतः हल्की वर्षा के ही आसार हैं। हालांकि 11 जून को गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, रूप नगर, लुधियाना, शहीद भगत सिंह नगर जैसे उत्तरी और पूर्वी जिलों में तेज़ बौछारें भी गिर सकती हैं।
पटियाला, बरनाला, मोगा, फाजिल्का, फतेहगढ़ साहिब, भटिंडा और श्रीमुक्तसर साहिब जैसे दक्षिणी जिलों में अधिकांश समय मौसम साफ और शुष्क रहने के आसार हैं। इन भागों में तापमान बढ़ेगा लेकिन लू का प्रकोप इस सप्ताह पंजाब के लोगों को परेशान नहीं करेगा।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
रुक-रुक कर हल्की वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि धान की नर्सरी में आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें, लेकिन अधिक पानी लगाने से बचें। धान की नर्सरी मिट्टी में लौह की कमी के कारण पीली पड़ जाती है, अगर ऐसे लक्षण दिखाई दें तो मौसम साफ होने पर 500 ग्राम से 1.0 कि.ग्रा. फेरस सल्फेट प्रति 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
मौसम में हो रहे बदलाव के कारण फसलों में कीटों और रोगों का प्रकोप हो सकता है, इसलिए फसलों की नियमित निगरानी करते रहें।
गन्ने की फसल में दीमक का प्रकोप इस समय पाया जा सकता है। इसकी रोकथाम के लिए (बुवाई के 45 दिन बाद) 400 मिली इमिडाक्लोप्रिड प्रति एकड़ की दर से पंक्तियों के आस पास छिड़कें। गन्ने की फसल में मिट्टी की नमी के अनुसार 7 से 12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। मौसम साफ हो जाने पर गन्ने की फसल में नाइट्रोजन की दूसरी खुराक 65 कि.ग्रा. प्रति एकड़ की दर से दें।
टिड्डी दल से फसलों को बचाने के लिए फसलों की नियमित निगरानी करते रहें और इन्हें रोकने के उचित उपाय करें। अनेक भागों में हो रही बरसात इनके प्रजनन के लिए अनुकूल सहायक है इसलिए इंका तत्काल नियंत्रण अतिआवश्यक है। अगर आपके खेत में टिड्डी दल दिखाई दे तो मेलाथियान 3 मि.ली. अथवा क्लोरपाइरीफॉस 4 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिडकाव करें।
Image Credit: Ground Reality
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