आइए जानते हैं पंजाब में 5 मई से 11 मई के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
पिछले सप्ताह पंजाब के उत्तरी जिलों में अच्छी बारिश देखी गई है। इस सप्ताह भी 5 और 6 मई को दोपहर बाद पंजाब के कुछ इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। 7 से 9 माई के बीच लगभग समूचे राज्य में मौसम गर्म व शुष्क बने रहने की संभावना है। इसके चलते दिन के तापमान में भी वृद्धि हो सकती है तथा तेज गर्मी पड़ने के आसार हैं।
10 को एक नया पश्चिमी विक्षोभ आएगा जिसके कारण 10 और 11 मई को पंजाब के उत्तरी तथा पश्चिमी जिलों में गरज के साथ बौछारें गिरने की संभावना है। यह बारिश की गतिविधियां सब जगह एक जैसी नहीं होंगी इसलिए तापमान में अधिक गिरावट होने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
जिन इलाकों में वर्षा हुई है या आगामी कुछ दिनों में बारिश होने के संकेत हैं, वहाँ के किसानों को सलाह है कि फसलों में सिंचाई व छिड़काव का काम अभी न करें तथा कटी हुई फसलों व उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए उचित प्रबंध करें।
कोविड़-19 के कारण हुए लॉक-डाउन में मजदूरों की उपलब्धता में कमी हो सकती है, ऐसे में किसानों को चाहिए की धान की सीधी बुवाई करनी चाहिए।
टमाटर के खेत में फल छेदक कीट का प्रकोप बढ़ सकता है। इसकी रोकथाम के लिए मौसम साफ होने पर 30 मि.ली. फेम या 60 मि.ली. कोराजेन को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।
मौसम साफ हो जाने पर मिट्टी की नमी के अनुसार आड़ू, नाशपाती और लीची में हल्की सिंचाई नियमित तौर पर देते रहें। आलू तथा जड़ वाली सब्जियों की फसलों में बुवाई के 30-35 दिन बाद मिट्टी चढ़ाएँ व खर-पतवार निकालें।
अगर ग्रीष्म-कालीन मूली की बुवाई करनी हो तो केवल पूसा-चेतकी किस्म का ही प्रयोग करें। मूली की बाहर निकली हुई जड़ों पर मिट्टी चढ़ाएँ, जड़ों को सख्त होने से पहले उखाड़ लें। कीट-पतंगों से सुरक्षा के लिए 250 मिली मैलाथियान 50 ई.सी. को 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ फसल पर छिड़कें।
Image credit: Flicker
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।