आइए जानते हैं पंजाब में 26 मई से 1 जून के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
पंजाब के अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर बने हुए हैं तथा मौसम भी गर्म और शुष्क बना हुआ है। 28 मई की दोपहर तक मौसम में किसी बदलाव की संभावना नहीं है यानि इसी तरह से गर्मी से आपको संघर्ष करना पड़ेगा।
28 मई को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आएगा। इसके प्रभाव से 28 मई की शाम से पंजाब के उत्तरी जिलों में वर्षा की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी तथा 29 मई से राज्य के कई जिलों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। यह प्री-मॉनसून वर्षा 1 और 2 जून तक जारी रह सकती है।
मई के आखिर में होने वाली इस बारिश से तापमान में गिरावट निश्चित रूप से होगी। हम कह सकते हैं कि 29 मई से तापमान में भारी कमी आएगी तथा भीषण गर्मी और लू के प्रकोप से राहत मिलेगी।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
27 मई तक मौसम शुष्क रहने के अनुमान को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि अगर बिजाई की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं तो उसे शीघ्र ही सम्पन्न करें। कपास की बिजाई से पहले खेत के आस-पास उग रहे खर-पतवारों को नष्ट करें व छंट्टियों के ढेरो के नीचे गिरे टिंडो व पत्तों आदि को नष्ट कर दें।
जिन खेतों में पिछले वर्षो में दीमक का प्रकोप देखा गया हो वहाँ कपास की बिजाई से पहले बीजों को 10 मि.ली. क्लोरपाइरीफॉस 20 ई.सी. तथा 10 मि.ली. पानी के घोल से प्रति कि.ग्रा. बीज को उपचारित करें। बीजों को भिगोये रखने के बाद ही इन्हें कीटनाशक से उपचारित करें। मीलीबग के नियंत्रण के लिए बंजर भूमि पर व खेतों के आसपास, मेढ़ों, खालों व रास्तों आदि पर उगने वाले खर-पतवारों, घास-फूस और कपास कि पिछली फसल के ठूँठो से उगने वाले पौधो को नष्ट करें।
जिन खेतो में ग्रीष्म-कालीन फसलें न लगी हो उन्हे गहरी जुताई कर के छोड़ा जा सकता है। खेतों में नालियाँ व बंड बनाए ताकि वर्षा के पानी का उपयोग व निकासी हो सके। 28-29 मई के दौरान वर्षा के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि इस दौरान सिंचाई व छिड़काव न करें।
कीटनाशको व खरपतवारनाशी का प्रयोग मौसम साफ रहने पर ही करें। गन्ने की फसल में खर-पतवारों की रोकथाम हेतु 1.6 कि.ग्रा. ऐट्राजीन 50% धु.पा. को प्रति एकड़ 250-300 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इसके बाद 2,4-डी (सोडियम साल्ट) को 1.0 कि.ग्रा.प्रति एकड़ की दर से 250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। पहला छिड़काव बिजाई के 3 सप्ताह बाद करें।
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