आइए जानते हैं पंजाब में 30 जून से 6 जुलाई के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
मॉनसून की अक्षीय रेखा अभी भी हिमालय की तराई के इलाकों में बनी हुई है।
पिछले कुछ दिनों से पंजाब में मौसम मुख्यतः गर्म तथा शुष्क बना हुआ था। हालांकि उत्तरी जिलों में छिटपुट वर्षा की गतिविधियां रुक-रुक कर होती रही हैं। इस सप्ताह भी 30 जून से 2 जुलाई तक पंजाब में मौसम शुष्क ही रहने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं हल्की वर्षा की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता परंतु मॉनसून की झमाझम बारिश अभी फिलहाल नहीं दिखाई देगी।
पंजाब में बारिश की गतिविधियां 4 जुलाई से बढ़ेंगी। अनुमान है कि 4 से 7 जुलाई के बीच पंजाब के कई जिलों में मध्यम वर्षा हो सकती है। बारिश के चलते उसी दौरान तापमान में गिरावट होगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी तथा खेती को भी फायदा पहुंचेगा।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि सिंचाई अभी न करें। बासमती की नर्सरी लगाने के लिए समय उपयुक्त है। बासमती की फसल को फुट-रॉट बीमारी से बचाने के लिए बुआई से पहले बीजों को ट्राइकोडर्मा से 15 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें। धान की सीधी बोई गई फसल में इस समय खरपतवार बढ़ निकलते हैं। इसलिए खेतो की निगरानी करते रहें और उचित शाकनाशी का प्रयोग करें।
चारे के लिए बोई गई मक्के की फसल में इस समय तना छेदक का प्रकोप हो सकता है, इसकी रोकथाम के लिए मौसम साफ हो जाने पर 0.4 मि.ली. कोराजेन को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें की छिड़काव के 21 दिन बाद तक फसल को प्रयोग में न लाएँ।
टिड्डी दल का आक्रमण इन होने की आशंका है। इसलिए फसलों पर सतत निगरानी रखें और दिखाई देने पर तेज़ ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्रो व उपकरणो का प्रयोग कर भगाएँ।
यदि संभव हो तो सब्जियों तथा खड़ी फसलों पर नीम तेल के घोल का छिड़काव करें। अगर खाली खेत में बड़ी संख्या में टिड्डी दल दिखाई दे तो तुरंत जुताई करवा दें या जल भराव कर दें, ऐसा करने से टिड्डियों के अंडे नष्ट हो जाएंगे।
Image Credit: The Indian Express
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