आइए जानते हैं पंजाब में 7 से 13 जुलाई के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
जब से मॉनसून आया है, पंजाब में झमाझम बारिश नहीं दिखी है। 1 जून से 6 जुलाई के बीच पंजाब को सामान्य से 6% कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। हालांकि बीच-बीच में कुछ जिलों में तेज बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं लेकिन जिलों में वर्षा में कमी रही है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय दक्षिण की तरफ बनी हुई है। अनुमान है कि यह अगले 2 दिनों के दौरान यह उत्तर में बढ़ते हुए पंजाब के पास पहुंच जाएगी। मॉनसून रेखा के उत्तर में आने से पंजाब में बारिश की गतिविधियों में थोड़ी वृद्धि हो सकती है। 7 और 8 जुलाई को पंजाब में छिटपुट वर्षा की गतिविधियां जारी रह सकती हैं। 9 और 10 जुलाई को उत्तरी जिलों में मध्यम से भारी वर्षा की संभावना बन रही है। उसके बाद फिर छिटपुट वर्षा ही देखी जाएगी।
संक्षेप में कह सकते है कि पंजाब में यह सप्ताह ना तो पूरी तरह शुष्क मौसम लेकर आ रहा है और ना अच्छी बारिश देने वाला है।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
वर्तमान मौसम के मद्देनजर पंजाब के किसान पंजाब बासमती-5, पंजाब बासमती-4, पंजाब बासमती-2 और पंजाब बासमती-3 आदि किस्मों की रोपाई जारी रखें। फसलों में केवल हल्की सिंचाई करें। दवाओं आदि का छिड़काव अभी न करना बेहतर होगा।
बढ़ती नमी के कारण फसलों में सफ़ेद मक्खी का प्रकोप हो सकता है। अगर प्रति पत्ती 6 से अधिक कीट पाये जाएँ तो 80 ग्राम उलाला या 200 ग्राम पोलो 125 लीटर पानी की दर से घोलकर साफ मौसम में छिड़कें।
गन्ने की रतून फसल में ब्लैक-बग कीट का प्रकोप भी इस समय हो सकता है, इसकी रोकथाम के लिए 350 मि.ली. क्लोरपाइरीफॉस को 350-400 लीटर पानी में मिलाकर साफ मौसम में छिड़कें।
धान की सीधी बोई गई फसल में खरपतवारों की समस्या हो सकती है। उचित शाकनाशी का प्रयोग करें। मक्का की बुवाई अब शुरू की जा सकती है। एक एकड़ बिजाई के लिए 8 किग्रा बीज पर्याप्त होगा।
Image credit: The Tribune
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