आइए जानते हैं पंजाब में 21 से 27 जुलाई के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
पिछले हफ्ते पंजाब में अच्छी बारिश दर्ज की गई। 21 जुलाई तक पंजाब के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना है। उसके बाद 22 जुलाई से पंजाब के अधिकांश हिस्सों पर मौसम एक बार फिर से शुष्क हो जाएगा। हालांकि छिटपुट बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी।
बारिश में वृद्धि 25 जुलाई से संभावित है। उम्मीद है कि 25 और 26 जुलाई को पंजाब के उत्तरी भागों में हल्की से मध्यम जबकि दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश देखने को मिलेगी। 27 और 28 जुलाई को पटियाला, लुधियाना, चंडीगढ़, अमृतसर समेत पंजाब के कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
किसानों को मौसम की स्थिति के अनुसार फसलों में छिड़काव करना चाहिए। सिट्रस, आम, नाशपाती, लीची आदि में अभी सिंचाई न करें। धान की फसल में रोपाई के 21-22 दिनों के बाद यूरिया की दूसरी खुराक साफ मौसम में दें।
पूसा बासमती-1509, सी.एस.आर-30, बासमती-370 और बासमती-386 की रोपाई के लिए अभी समय उपयुक्त है। किसानों को धान की फसल की नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए, अगर पत्तों में फफूंद के धब्बे हों तो 200 मिली अमृतसर टॉप प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर साफ मौसम में छिड़काव करें।
भिंडी, बैगन, मिर्च, टमाटर जैसी सब्जियों के साथ कपास की फसल पर सफ़ेद-मक्खी का प्रकोप हो सकता है, इसकी रोकथाम के लिए फसलों की नियमित जांच करते रहें। कपास के खेत के आसपास खरपतवार न होने दें ताकि मीली-बग्स का प्रकोप न हो। कपास में बिजाई के 40-45 दिनों के बाद सूखी गुड़ाई के बाद ट्रैफलान 0.8 लीटर/एकड़ या स्टोम्प 30 ईसी 1.25 लीटर/एकड़ 200-250 लीटर पानी में घोलकर डालने और उसके बाद सिंचाई करने से वार्षिक खरपतवारों का नियंत्रण हो जाता है। कपास में हरा तेला व सफ़ेद मक्खी की रोकथाम के लिए 40 मि.ली. कोन्फ़िडोर या 40 ग्राम एकतारा या 250-350 मि.ली. रोगोर 30 ई.सी. को 120-150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ 15 दिन के अंतर पर छिड़कें।
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