पंजाब में 5 से 11 जनवरी, 2021 के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
पंजाब में सर्दी की बारिश आमतौर पर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से ही होती है। पिछले हफ्ते के आखिरी दिनों में एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास पहुंचा था जिससे नए साल के पहले दिनों यानि 1 जनवरी से ही पंजाब के विभिन्न भागों पर बारिश शुरू हुई थी और अभी भी जारी है।
उत्तर भारत पर आया पश्चिमी अभी भी सक्रिय है। साथ ही इसके प्रभाव से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र राजस्थान के ऊपर बना था, जो अगले 48 घंटों तक सक्रिय बना रहेगा। इन मौसमी सिस्टमों के कारण पंजाब के कई जिलों में 5 जनवरी को भारी बारिश के आसार हैं। 6 जनवरी से बारिश में कमी आ जाएगी। हालांकि पंजाब के कुछ जिलों में छिटपुट वर्षा की गतिविधियां 6 जनवरी को भी जारी रह सकती हैं। 7 जनवरी से मौसम साफ हो जाएगा।
मौसम साफ होने के बाद 7 जनवरी से पंजाब में न्यूनतम तापमान में कुछ गिरावट हो सकती है परंतु एक नया पश्चिमी विक्षोभ 7 जनवरी के आसपास पश्चिमी हिमालय क्षेत्रों को फिर से प्रभावित करेगा जिससे तापमान में बहुत ज्यादा गिरावट नहीं होगी। आगामी पश्चिमी विक्षोभ के चलते 8 जनवरी को पंजाब में भी एक बार फिर छिटपुट बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। हालांकि ब्रेक के बाद शुरू होने वाली बारिश वर्तमान बारिश की तुलना में कम रहेगी।
9-10 जनवरी से पुनः मौसम साफ होने के बाद उत्तर से बर्फीली हवाएँ चलनी शुरू होंगी जिससे इस सप्ताह के आखिर से यानि तापमान में व्यापक गिरावट दर्ज की जाएगी।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
सप्ताह के शुरुआती दिनों में वर्षा के अनुमान के देखते हुए किसानों को सलाह है कि फसलों में अभी सिंचाई व छिड़काव स्थगित कर दें। बादल छाए रहने के कारण फसलों में कीटों और रोगों का संक्रामण हो सकता है इसलिए फसलों व पौधों की नियमित निगरानी करते रहें तथा मौसम साफ होने पर तुरंत उपचार करें।
गेहूं की फसल में खर-पतवारों का प्रकोप भी इस समय बढ़ सकता है। अधिक खरपतवार से फसल की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादकता तथा उत्पादन दोनों प्रभावित होता है, इसलिए नियमित रूप से खरपटवारों को खेतों से निकालते रहें।
सप्ताह के आखिर में फिर से शीतलहर चलेगी जिससे आलू की फसल में ब्लाइट रोग फ़ेल सकता है। लक्षण दिखाई देने पर मौसम साफ होने के बाद 700 ग्राम रिडोमिल 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें। उसके बाद 3 छिड़काव इंडोफिल एम-45 या मास एम-45 का 700 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 7 दिन के अंतराल पर करें।
Image Credit: The Hindi
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