पंजाब में 26 जनवरी से 1 फरवरी, 2021 के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
पंजाब उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों का एक ऐसा राज्य है जहां जनवरी महीने में कई बारिश बारिश देखने को मिलती है। लेकिन इस बार बारिश के दो स्पेल राज्य में देखने को मिले। पहला स्पेल 3 से 5 जनवरी के बीच था जबकि दूसरा स्पेल 22 और 23 जनवरी के बीच था। हालांकि दूसरा स्पेल तराई क्षेत्रों तक ही सीमित था। 1 जनवरी से 26 जनवरी के बीच पंजाब में सामान्य से 18% कम वर्षा हुई है।
फिलहाल पंजाब के अधिकांश इलाकों में पिछले कुछ दिनों से घना कोहरा देखने को मिल रहा था और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर बने हुए थे। अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने के कारण कुछ स्थानों पर ओल्ड डे कंडीशन भी बनी हुई थी। पिछले 25 जनवरी से उत्तर दिशा से बर्फीली हवाएं चलनी शुरू हुईं जिसके परिणाम स्वरूप न्यूनतम तापमान में अब भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह बर्फीली हवाएं अगले 3 या 4 दिनों तक जारी रहेंगी। यानि जनवरी के आखिर तक पंजाब के शहरों में शीतलहर की स्थिति जारी रहेगी। कुछ स्थानों पर पाला पड़ने की भी संभावना नजर आ रही है।
2 फरवरी के आसपास एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर को प्रभावित करने लगेगा जिसके परिणाम स्वरूप उत्तर से चल रही हवाओं की दिशा में परिवर्तन होगा। हवाओं का रुख पूर्वी हो जाएगा तथा न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने से शीतलहर समाप्त हो जाएगी।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
पंजाब में पिछले सप्ताह तराई क्षेत्रों में बारिश हुई थी। जबकि इस सप्ताह पंजाब में सभी जगहों पर मौसम शुष्क रहने की संभावना है। शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए सुझाव है कि खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई अवश्य करें।
गेहूँ की फसल में नाइट्रोजन की शेष खुराक दें। मौसम में प्रतिकूलता के कारण सरसों व राया की फसल में व्हाइट रस्ट का प्रकोप हो सकता है, इसकी रोकथाम के लिए फसल पर रिडोमिल गोल्ड का छिड़काव 250 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से करें।
ग्रीष्म ऋतु की गेंदे की नर्सरी लगाने के लिए अभी उचित समय है. किसानों को सुझाव है कि नर्सरी उठी हुई क्यारियों पर लगाएँ। ग्रीष्म काल की नर्सरी के लिए पंजाब गेंदा नंबर 1 का चुनाव किया जा सकता है। प्याज़ की नर्सरी को मुख्य खेतों में लगाने के लिए भी समय उचित है, मौसम साफ हो जाने पर रोपाई पूरी करें।
Image Credit: The Hindu
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