पंजाब में 22 से 28 दिसम्बर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल। और क्या है पंजाब के लिए फसलों से जुड़ी सलाह।
1 अक्टूबर से 22 दिसंबर के बीच पंजाब में सामान्य से 5% कम वर्षा प्राप्त हुई है। अक्टूबर से दिसंबर के बीच पंजाब तथा उत्तर भारत में वर्षा काफी कम होती है। राज्य में अच्छी बारिश की गतिविधियां सर्दियों के मौसम में तभी देखने को मिलती हैं जब पहाड़ी राज्यों में कोई सशक्त पश्चिमी विक्षोभ आता है।
पिछले सप्ताह 14 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच पंजाब के कई भागों में शीतलहर का प्रकोप बना रहा था। लेकिन अब हवाओं की गति कम होने और हवा की दिशा में परिवर्तन होने के कारण तापमान बढ़े हैं तथा ज़्यादातर इलाकों में शीतलहर के प्रकोप से राहत मिली है।
पंजाब में इस सप्ताह मौसम का मिला जुला प्रभाव दिखाई देगा। 22 और 23 दिसम्बर को हवा की रफ्तार कम होने के कारण पंजाब के कई भागों में घना कोहरा छा सकता है। 24 दिसंबर से पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं की रफ्तार बढ़ेगी जिससे 24 से 26 दिसंबर के बीच तापमान में एक बार फिर से गिरावट होगी और इस दौरान शीतलहर का प्रकोप बढ़ सकता है।
पंजाब के उत्तरी जिलों अमृतसर, जालंधर, पठानकोट और आसपास के हिस्सों में 27 तथा 28 दिसंबर को हल्की वर्षा हो सकती है। जबकि लुधियाना, पटियाला, फाजिल्का, फ़रीदकोट, श्रीमुक्तसर साहिब, बरनाला, मोगा समेत बाकी पंजाब में मौसम शुष्क ही बना रहेगा।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
गेहूँ की फसल में गुलाबी तना छेदक की उत्तपत्ति की नियमित निगरानी करते रहें व उत्तपत्ति पाये जाने पर एकालक्स 25 ई.सी. को 800 मि.ली. प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। रबी मौसम की प्याज़ की रोपाई करने के लिए समय अभी उपयुक्त है। रोपाई पंक्तियों के बीच की दूरी 15 से.मी. व पौधो के बीच की दूरी 7.5 से.मी. रखते हुए करें।
आलू की फसल में लेट ब्लाइट की निगरानी करते रहें यदि लक्षण दिखाई दें तो इंडोफिल एम-45, एम-45 या अंतराकॉल में से किसी एक छिड़काव 500 से 700 मि.ली. प्रति 250-350 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़कें। 7 दिन के अंतराल पर छिड़काव दोबारा करें।
फूलगोभी में कैबेज-केटरपिलर की निगरानी करते रहें।यदि अंडों के गुच्छे दिखाई दें तो उन्हे तुरंत नष्ट कर दें। अन्य फल वाली सब्जियों की फसल पर भी निगरानी रखें। मौसम में बदलाव के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए उचित प्रबंध करें।
Image Credit: The Hindu
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