आइए जानते हैं 21 से 27 सितंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम।
महाराष्ट्र पर मॉनसून 2020 कुछ ज़्यादा ही मेहरबान है। लंबे समय से कई क्षेत्रों में व्यापक बारिश हो रही है। इस सप्ताह भी 21 से 23 सितंबर के बीच विदर्भ से लेकर मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और कोंकण गोवा क्षेत्र में कई जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इसमें भी 21 और 22 को दक्षिणी कोंकण और दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र में कई स्थानों पर भीषण वर्षा हो सकती है। रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सांगली, सतारा, उस्मानाबाद, लातूर, पुणे, रायगढ़ मुख्य तौर पर प्रभावित हो सकते हैं।
23 और 24 को समूचे राज्य पर बारिश की तीव्रता में कमी आ जाएगी। हालांकि इस दौरान मराठवाड़ा से लेकर कोंकण गोवा तक हल्की से मध्यम बारिश कुछ स्थानों पर जारी रहने के आसार हैं।
25 और 26 सितंबर को फिर से दक्षिणी महाराष्ट्र के कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का एक झोंका आ सकता है। लेकिन इस बार सीमित क्षेत्रों में ही बारिश देखने को मिलेगी। उसके बाद महाराष्ट्र में मॉनसून सुस्ती की तरफ आ जाएगा।
मॉनसून 2020 के सीजन में अब तक महाराष्ट्र के विभिन्न भागों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। कोंकण गोवा में 25% अधिक बारिश हुई है, मध्य महाराष्ट्र में सामान्य से 32% ज़्यादा, मराठवाड़ा में 28% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जबकि विदर्भ में अब तक सामान्य से 11% कम वर्षा हुई है।
महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:
कोंकण, विदर्भ तथा मध्य महाराष्ट्र में धान की फसल इस समय पुष्पन से दाने भरने की अवस्था में है, फसल की यह अवस्था संवेदनशील होती है। ऐसे में पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। अगेती धान की फसल में 10 से.मी. गहरा पानी बनाए रखें।
कोंकण में मौसम की वर्तमान परिस्थितियों के कारण कद्दूवर्गीय फसलों में डाउनी मिलड्यू का प्रकोप हो सकता है। इसकी रोकथाम के लिए डाइथेन एम-45 को 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
धान की फसल में यदि भूरा फुदके का प्रकोप पाया जा रहा हो तो 1 मि.ली. मेलाथियान 50% या 0.25 मि.ली. इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एस.एल. प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
कोंकण, विदर्भ तथा मध्य महाराष्ट्र में कपास की फसल पुष्पन से टिंडे बनने की अवस्था में है। सोयबीन की फसल फली बनने से पकाव की स्थिति में है। तुअर की फसल में पुष्पन की अवस्था चल रही है। मूँगफली की फसल पुष्पन से अधिकीलन की अवस्था में है।
महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में लंबे समय से बारिश हो रही है। जहां भारी बारिश हुई है वहाँ खेतों से पानी निकालने की व्यवस्था करें। पक चुकी सोयबीन, मूंग और उड़द की कटाई मौसम साफ होने की स्थिति में ही करें। मौसम अनुकूल होते ही रबी फसलों की बुआई के लिए खेतों को तैयार करने का काम शुरू कर देना चाहिए।
Image Credit: LiveMint
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।