आइए जानते हैं 19 से 25 अक्टूबर के बीच कैसा रहेगा मौसम।
इस साल अक्टूबर में महाराष्ट्र के अधिकांश भागों में सामान्य से काफी ज़्यादा वर्षा हुई है। विशेषरूप से कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में। 1 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के बीच कोंकण गोवा में 121% अधिक, मध्य महाराष्ट्र में 102% ज़्यादा तथा मराठवाड़ा में 70% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। विदर्भ में भी सामान्य से 5% अधिक वर्षा हुई है।
इस सप्ताह भी महाराष्ट्र के विभिन्न भागों में काफी बारिश होने का अनुमान है। 22 अक्टूबर तक विदर्भ को छोड़कर बाकी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना बनी हुई है। विदर्भ में इस दौरान छिटपुट वर्षा हो सकती है। इस दौरान हिंगोली, जलना, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, सांगली, सतारा, कोल्हापुर, पुणे, नासिक, जलगांव सहित सिंधुदुर्ग तथा रत्नागिरी आदि जिलों में रुक-रुक कर जारी रहने की संभावना है। मुंबई और इसके उपनगरीय इलाकों में भी 20 और 21 अक्तूबर को अच्छी वर्षा हो सकती है।
23 अक्टूबर से लगभग पूरे महाराष्ट्र में मौसम शुष्क हो जाएगा। उसके बाद अगले कुछ दिनों तक वर्षा की संभावना नहीं है।
महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:
कोंकण गोवा में धान की फसल कटाई की अवस्था में। ऐसे में पिछले दिनों हुई व्यापक बारिश के चलते कई इलाकों में फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। किसानों को सुझाव है कि इस सप्ताह के शुरुआती दिनों में बारिश की संभावनाओं को देखते हुए कटाई मड़ाई कुछ दिनों के लिए टाल दें और खेतों से पानी निकालने के उपाय करें और अधिक नुकसान से बच सकें।
मध्य महाराष्ट्र में भी वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि धान, सोयाबीन, मक्का, मूँगफली और कपास की फसल की कटाई अगले कुछ दिनों तक ना करें। खेतों में लगा पानी निकालें।
22-23 अक्तूबर के बाद मौसम शुष्क और साफ होने पर कटाई और मड़ाई शुरू की जा सकती है। साथ ही ज्वार, चने गन्ने की बुआई के लिए खेतों की तैयारी शुरू कर सकते हैं।
22 अक्तूबर तक राज्य के विभिन्न भागों में भारी वर्षा और तेज़ गर्जना की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए पशुओं को भी सुरक्शित स्थानों पर रखें और संतुलित आहार दें।
Image Credit: Business Line
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