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[Hindi] महाराष्ट्र का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह (30 नवंबर से 6 दिसम्बर, 2020)

November 30, 2020 3:44 PM |

आइए जानते हैं 30 नवंबर से 6 दिसम्बर के बीच कैसा रहेगा मौसम।

महाराष्ट्र में इस सप्ताह मुख्यतः मौसम साफ और शुष्क रहने की संभावना है। मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र तथा कोंकण गोवा के क्षेत्रों में ज्यादातर शहर ऐसे होंगे जहां पर दक्षिण पूर्वी आर्द्र हवाएं चलेंगी। जबकि उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के उत्तरी जिलों में मौसम ठंडा रहेगा क्योंकि यहां पर उत्तर से ठंडी हवाएं पहुंचेंगी।

बारिश की संभावना 30 नवंबर को दक्षिण मध्य महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में है। जबकि बाकी सभी भागों में मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा। इस बीच बंगाल की खाड़ी पर एक नया सिस्टम विकसित हुआ है। यह सिस्टम भी तूफान निवार की तरह ही दक्षिण भारत की तरफ आएगा और इसी सिस्टम के प्रभाव से महाराष्ट्र पर हवाओं की रफ्तार 1 या 2 दिसंबर से बढ़ जाएगी।

इन हवाओं के प्रभाव से 2 से 4 दिसंबर के बीच विदर्भ, मराठवाडा, तथा मध्य महाराष्ट्र के भागों में कुछ भागों में आंशिक बादल आ सकते हैं और एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा या गरज के साथ बूँदाबाँदी हो सकती है।

महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:

कोंकण के किसानों को सुझाव है कि ग्रीष्म-कालीन मूँगफली की बुवाई हेतु खेतों को तैयार करें। आम, काजू तथा सुपारी के नए लगाए गए पौधों में बाँस की खपच्चियों से बंधाई कर सहारा दें।

टमाटर, बैंगन तथा मिर्ची की फसल में मिट्टी चढ़ाने का काम पूरा करें। बीन्स की फसल में एफिड की रोकथाम हेतु डाईमेथोएट 30% ई.सी. को 1.2 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर घोलकर छिड़काव करें।

मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ तथा मराठवाडा में कपास की चुनाई जारी रखें। गेहूं, चना तथा अन्य रबी फसलों में आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें। गेहूं की फसल में बुवाई के 18-20 दिन बाद जब क्राउन-रूट की अवस्था प्रारम्भ हो तब सिंचाई दें।

मिर्ची व प्याज़ की फसल में थ्रिप्स की रोकथाम हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एस.एल. को 0.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। अगेती गन्ने की बुवाई तथा अधसाली गन्ने की कटाई का काम पूरा करें।

पत्ता-गोभी, फूल-गोभी आदि की रोपाई करें।

चने की फसल में यदि फली-छेदक कीट का प्रकोप दिखे तो डेल्टामेथरिन 2.8% ई.सी. 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़कें। सिट्रस के बागो में फल चूसक कीटो की रोकथाम हेतु लाइट-ट्रेप का प्रयोग करें। केले की फसल में यदि सिगाटोका ब्लाइट रोग लगा है तो सर्वप्रथम प्रभावित पत्तियों को निकाल कर नष्ट करें तथा 1 ग्राम कार्बेनडेंजिम या डाइथेन एम-45 को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। 

Image Credit: Live Mint

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