आइए जानते हैं इस सप्ताह यानि 4 से 10 मई, 2020 के बीच कैसा रहेगा महाराष्ट्र में मौसम का हाल और महाराष्ट्र के किसानों के लिए क्या है इस सप्ताह फसलों से जुड़ी सलाह।
पिछले सप्ताह कुछ दिनों के दौरान विदर्भ तथा मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिली। इस सप्ताह महाराष्ट्र के लगभग सभी भागों में मौसम काफी गर्म व शुष्क रहने की संभावना है। इस सप्ताह महज़ विदर्भ के पूर्वी जिलों में छिटपुट वर्षा की संभावना है। लेकिन वर्षा की यह गतिविधियां बहुत हल्की होंगी।
विदर्भ ही महाराष्ट्र का सबसे अधिक गर्म इलाका भी होगा। इस सप्ताह अकोला, वर्धा, यवतमाल समेत विदर्भ के अधिकांश जिलों में दिन का तापमान 44 से 46 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया जाएगा। इससे कुछ भागों में लू का प्रकोप भी देखा जाएगा। मराठवाड़ा तथा मध्य महाराष्ट्र में भी तापमान सामान्य से अधिक बने रहेंगे। महाराष्ट्र के तटीय जिलों में भी मौसम काफी गर्म तथा उमस भरा रहेगा।
महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:
तापमान में वृद्धि के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि ग्रीष्म-कालीन धान की फसल, जो अभी दाना भरने की अवस्था में है, उसमें उचित नमी बनाए रखने के लिए नियमित सिंचाई करते रहें।
आम और केले के बागों में भी उचित नमी बनाए रखें। मूँगफली व ग्रीष्म-कालीन सब्जियों की कटाई व तुड़ाई अभी की जा सकती है।
रबी फसलों की कटाई के बाद खेतों की गहरी जुताई कर खेतों को कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ दें जिससे न केवल मृदा में वायु संचार अच्छा होगा बल्कि मिट्टी में तेज़ धूप लगने से कीटों के अंडे और खर-पतवारों के बीज नष्ट हो जाएंगे।
बदलते मौसम में फसलों में कीटों का प्रकोप भी बढ़ सकता है। मूँग और कद्दू-वर्गीय सब्जियों में भभूतिया रोग (पाउडरी मिलड्यू) की रोकथाम के लिए डिनोकेप 48% ई.सी. अथवा हेक्ज़ाकोनाजोल 5 एस.सी. फफूंदनाशक को 500 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर 10-12 दिन के अंतर से आवश्यकतानुसार 2-3 बार छिड़काव किया जा सकता है।
इस समय ईख में कल्ला छिद्रक का प्रकोप देखने को मिलता है। प्रभावित पौधों को 5-6 सेंटीमीटर जमीन की सतह से काटकर खेत से बाहर कर दें।
भिण्डी की फसल में शीर्ष एवं फल छिद्रक के प्रकोप से पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है। इसके नियंत्रण के लिए नीम आधारित जैविक कीटनाशी की 5 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव करें।
Image credit: The Indian Forum
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।