[Hindi] महाराष्ट्र का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (8-14 जून, 2020), और फसल सलाह

June 9, 2020 3:26 PM | Skymet Weather Team

इस सप्ताह महाराष्ट्र के लिए खबर अच्छी है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में दस्तक दे सकता है।

आइए जानते हैं इस सप्ताह यानि 8 जून से 14 जून, 2020 के बीच कैसा रहेगा महाराष्ट्र में मौसम का हाल और महाराष्ट्र के किसानों के लिए क्या है।

महाराष्ट्र के कोंकण और गोवा में पिछले कई दिनों से अच्छी बारिश हो रही है। विदर्भ में भी अच्छी बारिश देखने को मिली है। महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में अगले दो-तीन दिनों तक अच्छी बारिश जारी रहने की संभावना है।

विदर्भ और मराठवाड़ा में भी 11 जून से वर्षा की गतिविधियां बढ़ जाएंगी। दूसरी ओर मुंबई सहित महाराष्ट्र यानि रत्नागिरी, महाबलेश्वर, मुंबई, ठाणे और पालघर तथा आसपास के हिस्सों में 12 से 14 जून के बीच तेज बारिश होने की संभावना है।

इसी दौरान मुंबई और पुणे सहित कोंकण गोवा, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कुछ भागों में मॉनसून का आगमन भी हो सकता है। अच्छी बारिश और समय पर मॉनसून का आगमन किसानों के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि अच्छी बारिश फसल की समय पर बुआई में सहायक होगी।

महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:

कोंकण में तूफान ‘निसर्ग’ से प्रभावित इलाकों में किसानों को सुझाव है कि वे खेतो में पानी निकालने का उचित प्रबंधन करें। अधिक बारिश के कारण प्रभावित हुए पौधों खेत से निकाल कर अलग कर दें।

इस सप्ताह भी वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना है, ऐसे में कोंकण के किसानों को सुझाव है कि धान की नर्सरी लगाने व बाजरा की बुवाई का काम जारी रखें। आम की तुड़ाई भी इन दिनों की जा सकती है। मध्य महाराष्ट्र और मराठवाडा के किसानों को सुझाया है कि खेतों की तैयारी जारी रखें। मॉनसून शुरू होने से पहले खेत तैयार कर लेने चाहिए।

कपास, तूर, उरद, मूंग, मूँगफली, मक्का, ज्वार आदि के बीजों की खरीद प्रमाणित केन्द्रों से ही करें। साथ ही मिट्टी की संरचना, मौसम, सिंचाई की उपलब्धता आदि के अनुसार ही बीज खरीदें।

विदर्भ में वर्तमान के मौसम को देखते हुए सुझाव है कि धान, ग्रीष्म-कालीन मूँगफली और सूरजमुखी की कटाई का काम शीघ्र ही सम्पन्न करें और उत्पादों को सुरक्षित स्थानों पर रखें।

कपास, सोयाबीन और अन्य खरीफ फसलों के लिए खेतों को तैयार करें।

संतरे और मौसमी में हल्की सिंचाई दें। जिन इलाकों में सिंचाई की सुविधा हो वहाँ धान, मिर्च, टमाटर, बैंगन की नर्सरी तैयार करें और करेले, तुरई, लौकी तथा अन्य कम अवधि वाली सब्जियों की बुआई करें। विदर्भ में टिड्डी दल का आक्रमण हो सकता है इसलिए निरंतर निगरानी करते रहें।

Image credit: Daily Hunt

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