आइए जानते हैं इस सप्ताह यानि 1 जून से 7 जून, 2020 के बीच कैसा रहेगा महाराष्ट्र में मौसम का हाल और महाराष्ट्र के किसानों के लिए क्या है इस सप्ताह फसलों से जुड़ी सलाह।
महाराष्ट्र में इस सप्ताह काफी व्यापक बारिश होने की संभावना है। पिछले हफ्ते से बिल्कुल उलट होगा इस सप्ताह महाराष्ट्र के लगभग सभी जिलों में मौसम का हाल। अरब सागर में चक्रवाती तूफान विकसित हो रहा है, जो संभावना है कि 3 जून के आसपास मुंबई के करीब टकराएगा। इससे पहले से ही महाबलेश्वर, रत्नागिरी, रायगढ़ में बारिश 2 जून से बढ़ जाएगी।
चक्रवाती तूफान निसर्ग जैसे-जैसे तटों के करीब आता जाएगा बारिश की गतिविधियां बढ़ती जाएंगी। महाबलेश्वर, रत्नागिरी, रायगढ़ लेकर मुंबई, ठाणे और पालघर में 2 से 4 जून के बीच भारी बारिश की आशंका है। अनुमान है कि तूफान निसर्ग 3 जून को मुंबई के पास टकराएगा। इसके चलते मध्य महाराष्ट्र के जिलों में सांगली, सतारा, पुणे से लेकर नाशिक तक भारी वर्षा की संभावना है। तटीय भागों में मूसलाधार वर्षा के साथ तेज़ रफ्तार से हवाएँ भी चलेंगी।
मराठवाडा और विदर्भ में भी इस सप्ताह बारिश होगी। लेकिन इन दोनों क्षेत्राओं में 2 से 5 जून के बीच हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं। 3 और 4 जून को बारिश की गतिविधियां सबसे अधिक होंगी। 5 जून से 7 जून के बीच बारिश में काफी कमी आ जाएगी। हालांकि इस दौरान भी तटीय महराष्ट्र में अच्छी बारिश जारी रहेगी। अन्य हिस्सों में हल्की वर्षा होगी।
महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:
गत सप्ताह विदर्भ और मराठवाडा के कुछ हिस्सो में मौसम अत्यधिक गरम रहा, कुछ जगहो पर लू का प्रकोप भी जारी रहा जिसके चलते मौसम्बी व संतरे के पौधो में पानी की कमी रही है। अब बारिश होने वाली है तो संभवतः इस सप्ताह पानी की कमी पूरी हो जाए। जिन भागों में बारिश न हो वहाँ सिंचाई करते रहें।
विदर्भ के कुछ हिस्सों में टिड्डी दल का हमला देखा गया है। बारिश के दौरान हो सकता है बड़ी संख्या में टिड्डियों का खात्मा हो जाए लेकिन बारिश के बाद फिर से यह बड़ी चुनौती बन सकता है। अगर टिड्डी दल आपकी फसल पर दिखाई दे तो 500 मि.ली. क्लोरपाइरीफॉस 50% ई.सी. या 1850 मि.ली. मेलाथिऑन 50% ई.सी. प्रति हेक्टर पावर स्प्रेयर से छिड़काव करें।
बारिश बंद होने के बाद किसान बंधु आगामी खरीफ की फसलों के लिए खेतो को तैयार करें। मॉनसून शुरू होने से पहले ही खेतो की जुताई व समतलीकरण करे लें तथा बंड आदि की मरम्मत भी कर लें। बीजो के साथ साथ खेतो में प्रयोग होने अन्य सामाग्री की अग्रिम व्यवस्था करे लें।
भिंडी व अन्य कद्दूवर्गीय सब्जियों की तुड़ाई मौसम के अनुरूप की जा सकती है।
Image credit: Scroll.in
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।