आइए जानते हैं 6 से 12 जुलाई के बीच कैसा रहेगा मौसम।
पिछले 3 दिनों के दौरान मुंबई तथा उसके आसपास के इलाकों में भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई। इस भारी बारिश के प्रभाव से मुंबई के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन मुंबई समेत कोंकण क्षेत्र पर जारी भारी बारिश का यह सिलसिला रुकेगा। इस सप्ताह मुंबई, रायगढ़, रत्नागिरी, ठाणे और पालघर में रुक-रुक कर वर्षा देखने को मिलेगी। मूसलाधार बारिश के आसार इस सप्ताह नहीं हैं।
दूसरी ओर मध्य महाराष्ट्र के उत्तरी भागों, विदर्भ तथा मराठवाड़ा में अगले 24 घंटों के दौरान अच्छी बारिश होने की संभावना है। 9 जुलाई से 12 जुलाई के बीच महाराष्ट्र के आंतरिक भागों में वर्षा की गतिविधियों में भारी कमी आ सकती है। हालांकि छिटपुट वर्षा जारी रहेगी परंतु तापमान बढ़ने से मौसम गर्म हो जाएगा।
महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:
महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में रुक-रुक कर हो रही मॉनसून वर्षा से बुआई शुरू जारी है। मराठवाड़ा और विदर्भ में किसानों को सलाह है कि उत्तम गुणवत्ता वाले बीजों का ही प्रयोग करें। कोंकण में धान की रोपाई जारी है, 20-22 दिन की पौध की रोपाई जारी रखे। मूँगफली तथा अन्य फसलों की बुवाई जारी रखें।
मध्य महाराष्ट्र व मराठवाड़ा के किसानों को सलाह है की कपास, सोयबीन, तुअर, मूँगफली, मक्का व अन्य दालों की बिजाई जारी रखें। बिजाई के समय उचित बीज दर व उर्वरको का प्रयोग करें। तुअर, मूंग, चना, मक्का, ज्वार आदि की फसलों में अंतरवर्तीय फसल पद्धति अपनाएँ।
सांगली, सतारा, कोल्हापुर सहित मध्य महाराष्ट्र में किसान 20-22 दिन की धान की पौध की रोपाई करें। खड़ी फसलों के खेतों में पानी के निकासी की उचित व्यवस्था करें।
मिर्च, बैगन और टमाटर की नर्सरी को सिंचित परिस्थितियों में उगाया गया है और यदि नर्सरी रोपाई के लिए तैयार हैं तो रोपाई से कुछ मिनट पहले पौध की जड़ों को कवकनाशी के घोल में डुबो दें।
Image Credit: Zee Business
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