आइए जानते हैं 13 से 20 जुलाई के बीच कैसा रहेगा मौसम।
इस साल मॉनसून के आगमन से अब तक विदर्भ को छोड़कर महाराष्ट्र के बाकी सभी भागों में अच्छी वर्षा देखने को मिली है। 1 जून से 13 जुलाई के बीच विदर्भ में 5% कम बारिश हुई है जबकि मराठवाड़ा में 45% अधिक वर्षा प्राप्त हुई है।
इस सप्ताह का अनुमान देखें तो मुंबई तथा इसके आसपास के इलाकों सहित महाराष्ट्र के तटीय भागों में 16 जुलाई तक अच्छी वर्षा होने की संभावना है। विदर्भ और मराठवाड़ा में भी अगले 2 दिनों तक हल्की से मध्यम वर्षा जारी रहेगी।
15 और 16 जुलाई को मराठवाड़ा, विदर्भ तथा मध्य महाराष्ट्र के कुछ भागों में वर्षा की गतिविधियां बढ़ जाएंगी। इस दौरान एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा की भी संभावना है। 17 जुलाई के बाद पूरे महाराष्ट्र में वर्षा की गतिविधियों में कमी आने के आसार हैं। हालांकि 17 से 20 जुलाई के बीच महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में छिटपुट वर्षा जारी रह सकती है।
महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:
नासिक, पुणे, सतारा और कोल्हापुर सहित मध्य महाराष्ट्र और कोंकण तथा पूर्वी विदर्भ में धान की रोपाई जारी है। जहां भी नर्सरी 20-22 दिन की हो चुकी है वहाँ रोपाई जारी रखें। पौध की रोपाई से पहले खेतो की पडलिंग करके उर्वरकों की सही खुराक दें।
विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्से में कपास, सोयाबीन, तुअर और मूंगफली की फसलें बुवाई-अंकुरण से लेकर वनस्पतिक वृद्धि की अवस्था में हैं। अगर आपने अब तक तुअर, मूंग, उरद, मक्का, ज्वार आदि खरीफ फसलों की बुआई नहीं की है तो इसकी खेती अंतर्वर्तीय पद्धति से करें अधिक लाभ होगा।
कपास, सोयबीन व दलहनी फसलों में खरपतवार नियंत्रण करें व पौधो के बीच उचित दूरी सुनिश्चित करें।
खड़ी फसलों से अत्यधिक पानी हो तो उसे तुरंत निकाल दें। नर्सरी में बोई गई सब्जियों की रोपाई का कार्य करें।
गन्ने की खेती के लिए जमीन तैयार करें। किसानों को सलाह है कि वे फलो बागों के समुचित विकास के लिए सिंचाई, उर्वरक और पौध के संरक्षण के उपाय करें।
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