आइए जानते हैं महाराष्ट्र में 8 से 14 फरवरी, 2021 के बीच कैसा रहेगा मौसम।
पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में लगभग सभी स्थानों पर मौसम शुष्क बना रहा। पिछले दो-तीन दिन उत्तर पूर्वी दिशाओं से ठंडी और शुष्क हवाओं के चलने के कारण महाराष्ट्र के कई जिलों में तापमान में गिरावट आई है। विदर्भ के कई जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक नीचे चला गया है जिसके कारण विदर्भ के कुछ इलाके एक बार फिर शीतलहर की चपेट में आ गए हैं।
इस सप्ताह भी महाराष्ट्र में मौसम शुष्क रहेगा। बारिश की संभावना विदर्भ से लेकर मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और कोंकण गोवा तक किसी भी क्षेत्र में नहीं है। यानि 8 से 14 फरवरी के बीच मौसम किसी प्रकार का व्यवधान नहीं उत्पन्न करेगा। हालांकि 10-11 फरवरी तक उत्तर दिशा से ठंडी हवाएँ चलती रहेंगी जिसके कारण तापमान सामान्य से कम ही बने रहेंगे। 9 और 10 फरवरी को मध्य महाराष्ट्र के उत्तरी जिलों सहित मराठवाड़ा में भी तापमान में गिरावट हो सकती है।
महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:
मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, मराठवाड़ा क्षेत्रों में गेहूं, दलहनी फसलों, सरसों और सूरजमुखी की फसलों में हल्की सिंचाई करें। विदर्भ में भी धान की फसल के लिए लगाई गई नर्सरी तैयार हो रही है। 21 से 25 दिन पुरानी नर्सरी की रोपाई की जा सकती है।
चने की फसल में फली छेदक कीट की रोकथाम के लिए आप 4-5 बर्ड पर्चेज और 4-5 फेरोमोन ट्रैप लगा सकते हैं या 5% NKSE प्रति 10 लिटर की दर से घोलकर छिड़काव कर सकते हैं। मक्के की फसल में आर्मी वर्म की रोकथाम के लिए 5% एनएसके का तत्व 5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान की नर्सरी रोपाई के लिए तैयार होने की अवस्था में है। किसानों को सुझाव है कि रोपाई करें और धान के खेतों में 2-3 सेमी पानी लगाकर रखें।
काजू के फलों में इस समय टी मोसक्विटो का प्रकोप हो सकता है। इसके नियंत्रण के लिए एसिटामीप्रिड 20% SP 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें। आम के पेड़ों में बार-बार फूल निकलने की समस्या को रोकने के लिए गिब्बरलिक एसिड 500 पीपीएम 1 ग्राम प्रति 20 लिटर पानी की दर से छिड़काव कर सकते हैं।
Image Credit: Scroll.in
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