आइए जानते हैं महाराष्ट्र में 22 से 28 फरवरी, 2021 के बीच कैसा रहेगा मौसम।
1 जनवरी से 22 फरवरी के बीच महाराष्ट्र में सामान्य से 83% अधिक वर्षा प्राप्त हुई है। जिसमें कोकण और गोवा को सबसे अधिक सामान्य से 2018% अधिक वर्षा हुई है, मध्य महाराष्ट्र में 799% प्रतिशत अधिक, मराठवाड़ा में 71% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। राज्य में केवल विदर्भ एक ऐसा क्षेत्र है जहां बारिश कम हुई है। विदर्भ को औसत से 69% कम वर्षा प्राप्त हुई है।
पिछले सप्ताह 16 से 18 फरवरी के बीच महाराष्ट्र के कई भागों को वर्षा की गतिविधियां देखने को मिली हैं। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई थी। अब महाराष्ट्र के लगभग सभी भागों में मौसम शुष्क बना हुआ है। हालांकि 22-23 फरवरी के बीच दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र तथा उससे सटे दक्षिणी कोकण और गोवा में छिटपुट बारिश की गतिविधियां देखी जा सकती हैं।
उसके उपरांत पूरे सप्ताह समूचे महाराष्ट्र में मौसम शुष्क रहने के आसार हैं। महाराष्ट्र के अधिकांश भागों में दिन और रात के तापमान सामान्य से अधिक बने हुए हैं। कोकण और गोवा विशेषकर मुंबई और इसके आसपास अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है। अगले 3 दिनों तक कोई इसमें किसी विशेष बदलाव की संभावना नहीं है। 25 फरवरी के बाद दिन और रात के तापमान में हल्की गिरावट देखी जा सकती है।
महाराष्ट्र के किसानों के लिए फसल सलाह:
कोंकण गोवा क्षेत्र में जहां ग्रीष्मकालीन धान की रोपाई हो गई है, अब शुष्क मौसम को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि उसमें कम से कम 5 सेमी पानी लगाकर रखें। कोंकण गोवा में ओक्रा यानि भिंडी में माहू यानि एफिड की रोकथाम के लिए डायमेथोएट 30% ईसी 1 मिली प्रति लिटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ में अब मौसम साफ रहेगा। किसान भाई तैयार हो गई चने, सूरजमुखी और ज्वार की कटाई और मड़ाई कर सकते हैं। मिर्च की फसल में फ्रूट रॉट की रोकथाम के लिए 1 मिली टेबुकोनाज़ोल प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें। पूर्वी विदर्भ में मूंग की बुआई शुरू की जा सकती है।
इस समय हवा की गति दिन में तेज़ हो जाती है। इससे पपीते और केले के पौधे गिर सकते हैं। इन पौधों को सहारा देने के प्रबंध करें। केले में सिगाटोका की रोकथाम के लिए कार्बेण्डाज़िम 1 मिली, 1 मिली स्टिकर के साथ प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
Image Credit: Maharashtra Today
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