आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 25 सितंबर 1 अक्टूबर के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
पिछले कई दिनों से मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में मध्यम से भारी वर्षा की गतिविधियां जारी हैं। हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षा की गतिविधियों में कमी आई है। अभी तक पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 15% अधिक वर्षा हुई है तथा पूर्वी मध्य प्रदेश को भी सामान्य वर्षा प्राप्त हुई है वहां केवल 1% की कमी है।
अब पूरे सप्ताह मध्य प्रदेश को वर्षा से राहत रहेगी तथा मौसम लगभग शुष्क हो जाएगा। इस समय मध्य प्रदेश में अधिकांश फसलें कटाई के लिए तैयार हैं। अब भारी वर्षा फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। परंतु राहत की बात यह है कि अब मध्य प्रदेश में वर्षा में भारी कमी आने के साथ-साथ तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है। दक्षिण पश्चिमी जिलों में हल्की वर्षा जारी रह सकती है लेकिन भारी से अति भारी वर्षा की संभावना बहुत कम है।
27 सितंबर से 30 सितंबर के बीच धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, देवास तथा इंदौर आदि जिलों में छिटपुट वर्षा की गतिविधियां जारी रह सकती हैं। बाकी अधिकांश जिले लगभग एक ही बने रहने की संभावना है।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
मिट्टी में अधिक नमी तथा बादल छाए रहने के कारण कद्दू-वर्गीय और अन्य सब्जियों एवं नींबू वर्गीय पौधों में एफ़िड, जेसिड, थ्रिप्स, सफ़ेद मक्खी, रस-चूसक कीट, पत्ती के फुदके, पत्ती खाने वाली इल्लियाँ, फल छेदक आदि कीटों का प्रकोप हो सकता है। कीटों की संख्या आर्थिक क्षति स्तर पर होने पर इनके नियंत्रण के लिए फेंथोंएट 50 ई.सी. या डाइमेथोएट 30 ई.सी. की 1 लीटर दवा 500 लीटर पानी की दर से घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़कें।
सोयबीन की शीघ्र पकने वाली किस्मों के पक जाने पर शीघ्र ही सावधानीपूर्वक कटाई कर सुरक्षित स्थानों पर संग्रहित करें। मूंग, उड़द, मक्का, शीघ्र पकने वाली सोयबीन, सब्जियों, हरे चारे आदि फसलों की कटाई के बाद वर्षा का समुचित लाभ लेने एवं खेतों में पर्याप्त नमी संरक्षण हेतु खाली खेतों में आवश्यकतानुसार 2-4 बार जुताई करके लेवेलर चलाकर खेत को भली प्रकार तैयार करें। ताकि रबी फसलों की बुआई के लिए खेतों की तैयारी से पहले सिंचाई की झंझट से बचें।
फसल योजना अनुरूप एवं उचित समय पर बोनी हेतु उपयुक्त बीज, खाद उर्वरक, दवाइयाँ आदि आदानों की अग्रिम व्यवस्था करें। अदरक एवं हल्दी की फसल में मिट्टी चढ़ाएँ। कपास की फसल में गुलाबी सूँडी का प्रकोप पाया जा रहा हो तो 2 फेरोमोन ट्रेप प्रति एकड़ लगाएँ। गन्ने की फसल में यदि रेड-रॉट का प्रकोप हो तो मौसम अनुकूल हो जाने पर कार्बेण्डाजिम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
Image credit: The Indian Express
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