आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 4 से 10 सितंबर के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
मध्य प्रदेश में इस सप्ताह विभिन्न क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। 10 सितंबर को दक्षिणी और दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश में विभिन्न जिलों में बारिश के आसार हैं। भोपाल में भी बारिश हो सकती है। जबकि इस दौरान उत्तरी क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रहेगा।
11 और 12 सितंबर बारिश का दायरा और सीमित हो जाएगा। इन दो दिनों में केवल दक्षिणी जिलों में वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। बाकी हिस्सों पर मौसम शुष्क हो जाएगा। जबकि 13 सितंबर से बारिश बढ़ने की उम्मीद है, जब दक्षिण के साथ-साथ उत्तर-पूर्वी जिलों में भी बारिश होगी।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार हमारा अनुमान है कि 14, 15 और 16 सितंबर को मध्य प्रदेश के मध्य भागों से लेकर पश्चिमी जिलों तक काफी अच्छी बारिश दर्ज की जाएगी। इस दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, देवास, धार, मंदसौर, ग्वालियर, गुना समेत इस क्षेत्र के विभिन्न जिलों में व्यापक वर्षा होगी।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
किसानों को सुझाव है कि फसलों में छिड़काव मौसम पूर्वानुमान के अनुसार ही करें। प्रतिकुल मौसम के कारण फसलों में रोग के लक्षण दिखने पर टेबुकोनाजोल+सल्फर 1 कि.ग्रा. या हेक्साकोनाजोल 500 मि.ली. प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी में मिलाकर साफ मौसम में छिड़कें।
अधिक वर्षा, जल भराव, अफलन, रोग आदि के कारण जहां पर फसलें खराब हो गई हों या किसी कारण से खरीफ में खेत खाली छूट गए हों वहाँ पर लहसुन, प्याज़ जैसी फसलें लगाई जा सकती हैं।
लहसुन की उन्नत किस्में हैं: यमुना सफ़ेद 4 (जी-323), यमुना सफ़ेद 3 (जी-282), यमुना सफ़ेद 2 (जी-50), एग्री-फाउंड व्हाइट (जी-41) आदि।
प्याज़ की उन्नत किस्में हैं पूसा माधवी, हीरा-2, फुले समर्थ, भीमा-स्वेता, भीमा-रेड, एन-53, एग्री-फाउंड डार्क रेड आदि।
क्षेत्र में अधिक वर्षा के कारण खेतो में लगी फसलों से अतिरिक्त जल की निकासी कर उपलब्ध संसाधनानुसार उसे संरक्षित करें। फसलों में कीट एवं रोगो के प्रकोप की सतत निगरानी करते रहें।
कपास की फसल में सफ़ेद मक्खी के 8 वयस्क प्रति पत्ती होने पर ट्राएज़ोफॉस 40 ईसी 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर और हरी चित्तीदार इल्ली एक इल्ली प्रति पौधे होने पर साइपरमेथ्रिन 10 ईसी 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़कें।
अगेती बुवाई हेतु आलू की शीघ्र तैयार होने वाली उन्नत किस्मे हैं: कुफ़री लोकर, कुफ़री चंद्रमुखी, कुफ़री पुखराज, कुफ़री जवाहर, कुफ़री सूर्या तथा मध्यम अवधि वाली किस्मों में कुफ़री सिंदूरी, कुफ़री बहार, कुफ़री बादशाह, कुफ़री ज्योति, कुफ़री चिपसोना-4 आदि।
मटर की बिजाई हेतु के.पी.एम.आर-400, प्रकाश, आई.पी.एफ़.डी, 99-13, सपना, आज़ाद पी-3 तथा कुसुम/कर्डी की आर.वी.एस-113, जे.एस.एफ़ 99, जे.एस.एफ़-77, जे.एस.एफ़-73, एन.ए.आर.आई-38, फुले कुसुम आदि के शुद्ध एवं विश्वसनीय बीजों की अग्रिम व्यवस्था सुनिश्चित करें।
Image Credit: The Indian Express
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