[Hindi] मध्य प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (9 से 15 अक्टूबर, 2020), फसल सलाह

October 9, 2020 3:50 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 9 से 15 अक्टूबर के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।

मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में मौसम लगभग शुष्क बना हुआ है। जबकि पूर्वी जिलों में पिछले दिनों हल्की से मध्यम बारिश देखी गई है। इस समय एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटों पर बना हुआ है तथा बंगाल की खाड़ी पर विकसित हुआ एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश के तटों की तरफ बढ़ेगा।

इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से 10 अक्टूबर से मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा दक्षिण पूर्वी जिलों में वर्षा की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। 11 और 12 तारीख को वर्षा की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। 12 तारीख को गुना, भोपाल, शाजापुर, देवास आदि पश्चिमी जिलों में भी वर्षा की गतिविधियां बढ़ेंगी। 13 से 16 अक्टूबर के बीच मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की भी संभावना है। उस दौरान ग्वालियर संभाग में भी वर्षा की गतिविधियां बढ़ेंगी जहां कई दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है।

इस लिहाज से हम कह सकते हैं कि मध्य प्रदेश में इस सप्ताह व्यापक वर्षा होने वाली है। इस समय खरीफ फसल की कटाई जारी है। इस बारिश से कुछ नुकसान हो सकता है। यह वर्षा का पूर्वानुमान किसान भाइयों को पहले से ही आगाह करने के लिए है जिससे कि वह अपनी तैयारी पूरी रखें।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

वर्षा की संभावनाओं को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि कटी हुई फसलों की सुरक्षा सुनिशित करें। खड़ी फसलों में जल-जमाव जैसी स्थितियों से बचने के लिए पानी के निकासी के उचित उपाय करें।

रबी फसलों के लिए वर्षा-जल के सुदुपयोग के उचित उपाय करें। चूंकि अभी बारिश की संभावना है इसलिए बुआई को टालना ही बेहतर होगा। लेकिन जब मौसम अनुकूल हो जाए तो बुआई शुरू करें। इस बुलेटिन में कुछ रबी फसलों की उन्नत किस्में हम आपको बता रहे हैं।

मसूर की उकठा रोग निरोधक उन्नत किस्में आप नोट कर सकते हैं। आरवीएल-31, आरवीएल 11-6, केवीएल-345 (शेखर 4) आईपीएल-316, पन्तएल-5, जेएल-3 आदि।

चने एवं मसूर फसल को मृदा एवं बीज जनित रोगों से बचाने के लिए को बीजों को बिजाई से पहले निम्नलिखित फोर्मूले से उपचरित करें। ट्राईकोडरमा विरिडी + कार्बोक्सिन (4:1) ग्राम या थाइरम + कार्बेनडाजिम (2:1) ग्राम प्रति किग्रा बीज से उपचारित करें।

इसके बाद बीजों को राइज़ोबियम एवं पीएसबी 10-10 ग्राम और अमोनियम मोलिब्डेट 1 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित कर छाया में सुखाकर बिजाई करें।

सरसों की बिजाई की लिए उत्तम किस्में आप नोट कर सकते हैं: राजविजय 1 व 2पूसा मस्टर्ड 30पूसा मस्टर्ड 27आरएस-749आरएच-406गिरिराजएनआरसीडीआर-02, एनआरसीएचबी-101, एनआरसीएचबी-506, एनआरसीवाईएस-0502 (पीला रामडा) आदि।

चने की चार पंक्तियों के साथ 2  सरसों की पंक्तियाँ अंतवर्तीय पद्धति में लगाकर अतिरिक्त लाभ लिया जा सकता है। इससे चने को पाले से बचाया जा सकता है।

मटर, मसूर और बरसीम की अच्छी किस्में भी आज के इस बुलेटिन में हम आपको बता रहे हैं ताकि पहले से ही बीजों का प्रबंध कर लें।

मटर की किस्में:

प्रकाश, केपीएमएसआर 400, मालवीय 15

मसूर की किस्में:

जवाहर मसूर 3, राज विजय मसूर II-6

हरे चारे हेतु बरसीम की किस्में:

जेबी-5, बंदेल बरसीम-3 आदि तथा जई में जेओ 61, जेओ 03-91 आदि

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बुआई से पहले अनुशासित बीजोपचार अच्छी फसल के लिए लाभप्रद होता है।

Image credit: The Hindu Business Line

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