आइये जानते हैं मध्य प्रदेश में 30 अक्टूबर से 5 नवंबर 2020 के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल और मध्य प्रदेश के किसानों के लिए क्या है फसलों की एड्वाइज़री।
अक्टूबर का महीना अब समाप्त होने को है और इस महीने पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 24% कम जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश से सामान्य से 66% कम वर्षा हुई है। हालांकि पिछले लगभग 10 दिनों से मध्य प्रदेश में मौसम शुष्क बना हुआ है। परंतु महीने के पहले पखवाड़े में बंगाल की खाड़ी में बनने वाले निम्न दबावों के कारण मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में अच्छी बारिश देखने को मिली थी।
इस वर्ष उत्तरी मध्य प्रदेश से मॉनसून ने तेज़ी से विदाई ले ली थी परंतु समूचे मध्य प्रदेश से मॉनसून को वापस जाने में 23 दिन लग गए। 26 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के सभी भागों से दक्षिण पश्चिम मॉनसून विदा हुआ। इस साल मॉनसून काफी देरी के साथ विदा हुआ। इस पूरे सप्ताह मध्य प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है तथा मौसम शुष्क ही बना रहेगा।
मध्य प्रदेश में अभी तक सर्दी की शुरुआत नहीं हुई है। न्यूनतम तापमान तथा अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास के बने हुए हैं। मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान इस सप्ताह 15 डिग्री से नीचे पहुँच जाएगा, जिससे धीरे-धीरे सर्दी अपना प्रभाव दिखाएगी।
इस मौसम का मध्य प्रदेश की फसलों पर असर देखें तो
मुख्यतः शुष्क मौसम के बीच सलाह है कि पक चुकी खरीफ फसलों की कटाई शीघ्र सम्पन्न करें तथा रबी फसलों की बुवाई हेतु खेतो को तैयार करें व बीजो तथा उर्वरको का प्रबंध करें।
गेहूं की बिजाई के 2-3 दिन पूर्व जुटाई के साथ खेतों में 30-40 कि.ग्रा. नाइट्रोजन + 60 कि.ग्रा. फॉसफोरस + 40 कि.ग्रा. पोटाश + 30 कि.ग्रा. सल्फर + 25 कि.ग्रा. ज़िंक सल्फेट प्रति हेक्टेयर डालें। खेत में पाटा अवश्य लगाएँ ताकि पर्याप्त नमी संरक्षित रह सके।
कीट और रोगों से बचाव एवं कम लागत हेतु बीजोपचार अवश्य करें। गेहूं के बीजो को बोने के 2 घंटे पूर्व 2 ग्राम वीटावैक्स या कार्बेन्डेज़ीम 50 डी.एफ़. या थाइरम + कार्बेन्डेज़ीम (2+1 ग्राम) प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचार के पश्चात 7 मि.ली. क्लोरपाइरीफोस 20 ई.सी. प्रति कि.ग्रा. बीज कि दर से उपचारित करके छाया में सुखाएँ। इन उपचारित बीजो को 20 ग्रा. एज़ोटोबेक्टर और 20 ग्राम पी.एस.बी. कल्चर प्रति कि.ग्रा. बीज के मान से उपचारित कर छाया में सुखाएँ व बिजाई करें।
चना, गेहूँ, मटर, मसूर, बैंगन, टमाटर, आलू, प्याज़, आदि में खतपतवार नियंत्रण हेतु 750-1000 मि.ली. पेंडीमेथालिन 30 ईसी सक्रिय तत्व 600-800 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर की दर से बिजाई से 3 दिन तथा बीज उगने के पूर्व छिड़कें।
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