Skymet weather

[Hindi] मध्य प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (20 से 26 नवंबर, 2020), फसल सलाह

November 20, 2020 6:09 PM |

आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 20 से 26 नवंबर के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।

मध्य प्रदेश में पिछले 2 दिनों के दौरान उत्तरी तथा पूर्वी जिलों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं। 19 नवंबर से 20 नवंबर के बीच 24 घंटों के दौरान सतना, सीधी, उमरिया, दमोह, जबलपुर, मंडला, मलाणजखंड, सिवनी, छिंदवाड़ा, बेतूल आदि जिलों में।

मध्य प्रदेश में वर्षा की यह गतिविधियां एक कोन्फ़्लुएन्स ज़ोन बनने के कारण हुई हैं। उत्तर-पश्चिम दिशा से शुष्क हवाएँ, पूर्वी दिशा से आने वाली नम हवाओं से मिल रहीं थीं जिससे बादल बन रहे हैं तथा वर्षा हो रही है। आज 20 नवंबर को भी मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा दक्षिण पूर्वी जिलों में बारिश होने की संभावना है। हालांकि बारिश की गतिविधियां हल्की ही रहेंगी। 21-22 नवंबर से मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा। दो दिनों बाद उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं के प्रभाव से मध्य प्रदेश में भी तापमान गिरने लगेंगे तथा न्यूनतम तापमान सामान्य के नीचे आ जाएंगे जिससे कि सर्दी की शुरुआत हो सकती है।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

मध्य प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में हल्की वर्षा के अनुमान को देखते हुए इस क्षेत्र के किसानों को सलाह है कि कटी हुई फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। 21 नवंबर से मौसम मुख्यतः शुष्क रहने के अनुमान हैं, ऐसे में खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। 

गेहूँ की फसल में भरपूर उपज हेतु पहली सिंचाई शीर्ष/शिखर जड़ निकलने के समय या बिजाई के 20-21 दिन बाद क्यारी/पट्टी विधि से 7.5 से.मी. गहरी करें। सिंचाई के 2-3 दिन के अंदर नत्रजन की शेष एक तिहाई मात्रा यूरिया के द्वारा टॉप ड्रेस करें। खर-पतवारों के नियंत्रण हेतु सिंचाई के 10-15 दिन में निंदाई-गुड़ाई व उपयुक्त शाकनाशी दवा का उपयोग करें।

चना, मटर, मसूर, धनिया जैसी फसलों में प्रथम सिंचाई फूल आने के पूर्व या बिजाई के 40-50 दिन की अवस्था में 5 से.मी. गहरी करें। सरसों में 30-40 दिन तथा आलू, बरसीम, जई, लुसर्न में 20-25 दिन पर प्रथम सिंचाई दें। रबी की फसलों में खर-पतवार नियंत्रण हेतु शाकनाशी दवाओं का प्रयोग भी इन दिनों किया जा सकता है।

गेहूँ की फसल में चौड़ी एवं संकरी पत्ती वाले खर-पतवारों के नियंत्रण हेतु मीज़ोसल्फ्यूरॉन 3% + आइडोसल्फ्यूरॉन मिथाइल सोडियम 0.6% डबल्यू.डी.जी. को 12 + 2.4 ग्राम दवा अन्यथा सल्फोसल्फ्यूरॉन 75% + मेट सल्फ्यूरॉन मिथाइल 5% डबल्यू.जी. को 30 + 2 ग्राम दवा प्रति हेक्टर 600 लीटर पानी में घोलकर, बिजाई के 25-30 दिन बाद, खेत में समुचित नमी होने पर स्प्रेयर में फ्लैट फ़ैन या फ़्लड जेट नोजल लगा कर छिड़काव करें। कीटो व रोगो की निगरानी भी करते रहें व उत्पत्ति होने पर तुरंत उचित उपचार करें।

सरसों में तना गलन की रोकथाम हेतु 1 कि.ग्रा. कार्बेन्डाज़िम 50 डब्लू.पी. 600-800 लीटर पानी में प्रति हेक्टर के दर से पहला छिड़काव 45-50 दिन की फसल पर तथा दूसरा छिड़काव 70-75 दिन की फसल पर करें। शीघ्र व मध्यम अवधि वाली अरहर की किस्मों में फली छेदक का प्रकोप होने पर 750 मि.ली. ट्राइज़ोफॉस कीटनाशक 800 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर की दर से छिड़कें तथा खेत में नमी कम होने पर सिंचाई करें। 

Image credit: Freepressjournal

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweathercom अवश्य लिखें।






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try