आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 22 मई से 28 मई के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
यह प्री-मॉनसून सीजन मध्य प्रदेश में बारिश के हिसाब से अब तक बहुत अच्छा रहा है। 1 मार्च से 22 मई तक पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 162% ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 284% अधिक बारिश हो चुकी है।
इस सप्ताह यानि 22 से 28 मई के बीच पूरे सप्ताह मध्य प्रदेश में मौसम गर्म तथा शुष्क ही बने रहने संभावना है। दिन के तापमान बढ़ने के कारण ही मध्य प्रदेश के कई जिलों में लू का प्रकोप दिखाई देगा। कई स्थानों पर तापमान 45-46 डिग्री सेल्सियस के भी पार चले जाने की आशंका है।
खरगौन, देवास, धार, रतलाम, उज्जैन जैसे दक्षिण-पश्चिमी जिलों में अपेक्षाकृत गर्मी अधिक होगी। यही वह क्षेत्र होंगे जहां तापमान 45 डिग्री या उससे भी ऊपर पहुँच सकता है। जबकि उत्तरी भागों में गुना, ग्वालियर, दतिया, सागर, सतना और पन्ना तथा आसपास के हिस्सों में पारा 42-43 डिग्री के करीब रहेगा।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
शुष्क और बेहद गर्म मौसम के अनुमान को देखते हुए सुझाव है कि खड़ी फसलों में सिंचाई की उचित विधि अपना कर जल प्रबंधन करें। हरे चारे के लिए पहले बोई गई फसलों की कटाई प्रातः/संध्या काल में आवश्यकतानुसार प्रारम्भ करें। गर्मियों में आँवला, बेर और नींबू-वर्गीय फल पौधों में सिंचाई रोककर बहार उपचार दें। इसे पौधो में पानी की तान या स्ट्रेस भी कहते हैं। यह प्रक्रिया तब तक अपनाएं जब तक पौधों की 20-25% पत्तियाँ झड़ न जाएँ। इससे अधिक संख्या में पत्तियाँ, फूल, फल लगने से अच्छी पैदावार मिलती है।
मार्च के पहले पखवाड़े में बोई गई मूँग, बरबटी, उड़द की फसलों की फलियाँ पकने की अवस्था में हैं। निरीक्षण करते रहें और अगर फलियाँ तैयार हो चुकी हैं तो तुड़ाई/कटाई और गहाई कर उसे सुखायें।
खरीफ में फलों का नया बाग लगाने के लिए निश्चित दूरी पर गड्ढे खोदने के लिए रेखांकन करें। सामान्यतः आम, आँवला और अमरूद के पौधों के लिए कतार व पौधों की आपस की दूरी 8-10 मीटर तथा नींबू, संतरा, अनार और बेर के लिए 5-6 मीटर का अंतराल रखें। आम, आँवला व अमरूद जैसे पौधों के लिए गड्ढों का आकार 1 x 1 x 1 मीटर तथा नींबू, अनार व बेर के लिए 60 x 60 x 60 सेमी होना चाहिए। कृषि कार्यों के सम्पन्न होने के पश्चात कृषि यंत्रो व उपकरणो की रिपेयरिंग, ओयलिंग व ग्रीसिंग कर सुरक्षित स्थान पर रखें।
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