मध्य प्रदेश में इस सप्ताह यानि 27 मार्च से 2 अप्रैल के बीच भी कुछ दिन बेमौसम बरसात वाले होंगे। राज्य में 27 मार्च तक कई जगहों पर बारिश होने की संभावना है। हालांकि ज्यादा बारिश की संभावना मध्य, पश्चिमी और उत्तरी जिलों में है।
इसमें नीमच, आगर मालवा, रतलाम, श्योपुर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, भोपाल, रायसेन, टीकमगढ़, सागर, सतना, पन्ना, छतरपुर, रीवा और सीधी जैसे कुछ जिलों में तेज़ बारिश हो सकती है। छिंदवाड़ा, हरदा, बालाघाट और जबलपुर जैसे दक्षिणी जिलों में आंशिक बादल रहेंगे। और हल्की वर्षा होगी। 28 मार्च से मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ और शुष्क हो जाएगा।
29 मार्च की रात से 30 मार्च तक मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों में फिर से बारिश के संकेत मिल रहे हैं। इस दौरान इंदौर, खरगौन, खंडवा, होशंगाबाद, बेतुल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, बालाघाट, मंडला जैसे दक्षिणी हिस्सों में वर्षा हो सकती है। उसके बाद 31 मार्च से 2 अप्रैल तक राज्य के सभी भागों में मौसम शुष्क और साफ हो जाएगा।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
हाल ही में हुई वर्षा के कारण जहां जल जमाव हो गया हो या आने वाले दिनों में संभावित वर्षा के कारण जल भराव होने पर जल निकासी के उचित उपाय करें। मिट्टी में अभी पर्याप्त नमी है, तथा वर्षा की संभावना भी है है, ऐसे में सिंचाई व छिड़काव अभी रोक दें। बुवाई को भी स्थगित करें। कटी हुई फसलों की सुरक्षा सुनिशित करें।
कद्दूवर्गीय सब्जियों में रेड-पंपकिन बीटल के ग्रब व प्रौढ़ तथा सफ़ेद मक्खी व फल मक्खी के मेगट के नियंत्रण हेतु डाइक्लोरवास 76% ईसी 325 मि.ली. या ट्राइक्लोरफोन 50% ई.सी. 500 मि.ली. प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी की दर से घोलकर साफ मौसम में छिड़कें।
मौसम साफ हो जाने फसलों की कटाई और थ्रेशिंग करें सुरक्षा की दृष्टि से थ्रेशर पर काम करने वाले ढीले कपड़े न पहने व मशीन की क्षमता से अधिक उत्पाद एक साथ न लगाएँ।
Image credit: India Today
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