आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 12 जून से 18 जून के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में इस सप्ताह बारिश होने की संभावना है। शुरुआत दक्षिणी हिस्सों में हो चुकी है। धीरे-धीरे पूर्वी मध्य प्रदेश में भी बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। 13 और 14 जून से भोपाल समेत आसपास के इलाकों में वर्षा होने का अनुमान है।
जबलपुर, मंडला, बालाघाट, सिवनी, कटनी, देवास, इंदौर, उज्जैन, धार, रतलाम, मंदसौर, सागर, सतना, पन्ना, रीवा, छतरपुर, समेत कई ऐसे ज़िले होंगे जहां भारी वर्षा इस सप्ताह हो सकती है। पूर्वी हिस्सों में मॉनसून जल्द ही दस्तक दे सकता है।
गुना और ग्वालियर समेत उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अधिक बारिश होने की संभावना नहीं है। हालांकि मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों में इस सप्ताह बारिश देखने को मिलेगी। यानि इस सप्ताह मध्य प्रदेश के लोगों को एक तरफ गर्मी और उमस से राहत मिलने वाली है तो दूसरी ओर खेती का काम भी रफ्तार पकड़ने वाला है।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
वर्षा की संभावनाओं को देखते हुए किसान बंधुओं को चाहिए की उपलब्ध नमी का लाभ उठाएँ तथा धान/ खरीफ प्याज़ की नर्सरी या अन्य फसलों की खेत की तैयारी के लिए उपलब्ध गोबर/कम्पोस्ट खाद को खेत में फैलाकर डिस्क हैरो के बाद 2-3 बार कल्टीवेटर चलाकर लेवलर से खेत समतल करें।
वर्षा रुकने पर उपलब्ध धान की किस्मों की नर्सरी तैयार करने के लिए 10 मीटर लंबी, 1 मीटर चौड़ी एवं 15 से.मी. ऊंची क्यारी के दोनों ओर सिंचाई की नाली बनाएँ। क्यारी बनाने के पहले उसमे 50 कि.ग्रा. गोबर/कम्पोस्ट खाद मिलाकर समतल करें। प्रति क्यारी 120 ग्राम बीज प्रयोग करें।
बुआई से पहले बीजों को 2.5 ग्राम मेंकोजेब व 3 ग्राम स्यूडोमुनाज़ फ्लौरेसेन्स प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें। सिंचाई की सुविधा होने पर बैंगन, मिर्ची, टमाटर, अगेती फूल गोभी, फल पौधो तथा खरीफ प्याज़ की पौध तैयार करें।
असिंचित दशा में 4 इंच वर्षा होने पर भिंडी, ग्वार, बरबटी, सेम-फली एवं कद्दू वर्गीय सब्जियों की खेतो में बुवाई करें। गन्ने की फसल में आवशयकतानुसार सिंचाई कर नत्रजन की शेष मात्रा वर्षा प्रारंभ होने से पहले देकर मिट्टी चढ़ाने का काम सम्पन्न करें।
प्याज़ की एग्री फाउंड डार्क रेड, अर्का प्रगति, एन-53, भीमा सुपर जैसी किस्में चुनें। एक हेक्टर क्षेत्र के लिए 500 वर्ग मीटर में पौध तैयार करने के लिए 3 मीटर लंबी व 1 मीटर चौड़ी तथा 15 से.मी. ज़मीन से ऊंची क्यारियाँ बनाएँ। प्रति क्यारी 90 ग्राम (30 ग्राम/वर्ग मीटर) उपचारित बीजों को 6-7 से.मी. दूरी की पंक्तियों में 1-2 से.मी. गहरी बिजाई करे।
Image Credit: Freepressjournal
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