आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 24 से 30 जुलाई जून के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
इस मॉनसून सीजन में मध्य प्रदेश में अब तक सामान्य वर्षा हुई है। 23 और 24 जुलाई के बीच रतलाम, धार ,शाजापुर, पचमढ़ी, नरसिंहपुर, मंडला सहित मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों में मध्यम से भारी बारिश देखी गई है।
24 और 25 जुलाई को मध्य प्रदेश के दक्षिणी और दक्षिण-पश्चिमी जिलों में मध्यम वर्षा होने की संभावना है। 26 जुलाई से मध्य प्रदेश के उत्तरी जिलों में बारिश बढ़ने की संभावना है। दतिया, ग्वालियर, टीकमगढ़, उमरिया, दमोह सहित आसपास के भागों में 26 और 27 जुलाई को भारी वर्षा हो सकती है। इन भागों में 30 जुलाई तक बारिश जारी रह सकती है।
हालांकि इस दौरान दक्षिण तथा दक्षिण पश्चिमी जिलों में वर्षा की गतिविधियां काफी कम रहेंगी। दक्षिणी भागों में महज़ हल्की वर्षा हो सकती है।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
वर्तमान के मौसम में सोयाबीन, उड़द, मूंग व भिंडी जैसी फसलों में सफ़ेद मक्खी द्वारा पीला विषाणु जनित रोग के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है। इस रोग से प्रभावित पौधों को उखाड़कर नष्ट कर दें तथा मौसम साफ हो जाने पर एजडीरेक्टिन 0.15% की 2 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर की दर से छिड़काव करें।
सोयाबीन, मूंग व उड़द की फसल में राइजोक्टोनिया रूट रॉट/लीफ ब्लाइट और एंथ्रेकनोज़ फफूंद जनित बीमारी की रोकथाम के लिए मौसम अनुकूल हो जाने पर पाइरोक्सीस्ट्रोविन 20 डबल्यू.जी. 500 ग्राम अथवा हेक्साकोनाजोल 5% ई.सी. 800 मिली प्रति हेक्टर की दर से 400 लीटर पानी के साथ छिड़कें।
जिन क्षेत्रों में बारिश कम हुई है या देर से हुई है वहाँ अरहर, ज्वार, मक्का, ग्वार के साथ सोयाबीन, उड़द, मूंग, लोबिया, तिल, मूँगफली की शीघ्र पकने वाली किस्मों में अंतर्वर्तीय फसल के रूप में बुआई कर सकते हैं।
बागवानी के नए पौध तैयार का यह समय उचित है। अमरूद, अनार, नींबू, संतरा, मौसम्बी में गूटी बांधकर तथा बेर एवं आँवला में कलिकायन द्वारा नए पौधे तैयार करें।
Image credit: Free Press Journal
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